बाज नहीं आ रहा है पाकिस्‍तान, आतंकवादी संगठनों के संरक्षण के मामले में हुआ बेनकाब, ग्रे लिस्‍ट की तलवार लटकी

आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर अंकुश लगाने के प्रयासों से जुड़े 11 में से 10 लक्ष्यों में पाकिस्तान के प्रदर्शन को घटिया करार दिया है। आइए जानते हैं पाकिस्‍तान में किन प्रमुख आतंकियों ने शरण ले रखी है।

 

नई दिल्ली : एक बार फ‍िर पाकिस्‍तान दुनिया के समाने बेनकाब हुआ है। उसकी कथनी और करनी में फर्क देखने को मिला है। पाकिस्‍तान आतंक‍ियों का संरक्षण शुरू से करता रहा है और इतना ही नहीं वह इससे इन्‍कार करता आया है। अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर भारत कई बार पाक‍िस्‍तान को आईना दिखा चुका है, लेकिन हर बार उसकी कथनी और करनी में फर्क देखने को मिला है। एक बार फिर आतंकवादी संगठनों की मदद करना उसे काफी भारी पड़ा है। खासकर पाकिस्‍तान में रह रहे हाफ‍िज सईद और मसूद अजहर को संरक्षण देना उसे महंगा पड़ा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के एशिया-प्रशांत समूह (एपीएफ) ने आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर अंकुश लगाने के प्रयासों से जुड़े 11 में से 10 लक्ष्यों में पाकिस्तान के प्रदर्शन को घटिया करार दिया है। आइए जानते हैं पाकिस्‍तान में किन प्रमुख आतंकियों ने शरण ले रखी है। आतंकवादी हाफिज सईद और मसूद अजहर आखिर कौन है ? इन दोनों खूंखार आतंकवादियों का भारत से क्‍या लिंक है ? पाकिस्‍तान का ग्रे लिस्‍ट में शामिल होना क्‍या भारत की कूटनीतिक जीत है ?

 

ग्रे लिस्‍ट और पाकिस्‍तान

भारत शुरू से कहता रहा है कि पाकिस्‍तान आतंकवादी संगठनों को अपनी जमीन पर संरक्षण देता रहा है। वर्ष 2008 में दुनिया के सामने पाकिस्‍तान पहली बार तब बेनकाब हुआ, जब वह ग्रे लिस्‍ट में शामिल हुआ। हालांकि, वर्ष 2009 में वह इस लिस्‍ट से बाहर आ गया, लेकिन उसने आतंकवादियों को मदद करना जारी रखा। इसके चलते एफएटीएफ ने उसे दोबारा 2012 में ग्रे लिस्‍ट में शामिल किया। एफएटीएफ की आंखों में धूल झोंक कर वह फ‍िर 2016 में बाहर निकल गया। दो वर्ष बाद 2018 में एक बार फ‍िर वह ग्रे लिस्‍ट में शामिल हुआ और उसके बाद से वह इस लिस्‍ट से निकलने को बेताब है। वह लगातार आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है।

पाकिस्‍तान को महंगा पड़ा आतंकवादियों से प्रेम

अतंरराष्‍ट्रीय दबाव के आगे पाकिस्‍तान ने वर्ष 2017 में जमात उद दावा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद हाफ‍िज पाक में नजरबंद कर दिया गया। बाद में उसे र‍िहा कर दिया गया। इसके बाद जुलाई 2018 में पाकिस्‍तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में डाल दिया गया था। पाकिस्‍तान पर पहली बार कार्रवाई करते हुए ग्रे लिस्‍ट में डाला गया था। पाकिस्‍तान अतंरराष्‍ट्रीय दबाव के आगे फ‍िर झुका और 17 जुलाई, 2019 को काउंटर टेररिज्‍म डिपार्टमेंट द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ 23 एफआइआर दर्ज की गई। उस पर आतंकवाद के वित्‍त पोषण, मनी लान्ड्रिंग और अवैध भूमि हथियाने से संबंध‍ित 29 मामले दर्ज हैं। इस समय वह पाकिस्‍तान की एक जेल में बंद है।

 

आतंकवादी अजहर का भारत से लिंक

1- मौलाना मसूद अजहर आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। जैश ने भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस आतंकवादी घटना में भारत के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। बाद में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जैश के आतंकी कैंप को नष्ट करने का दावा किया था। मसूद अजहर पर ही पठानकोट में आतंकी हमले कराने का आरोप लगा था। गौरतलब है कि अजहर को 1999 में कंधार विमान अपहरण मामले में भारत ने रिहा किया था। दिसंबर 1999 में आतंकवादियों ने यात्रियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के हवाई जहाज का अपहरण कर लिया था। आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले में अपने तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया था। उन तीन आतंकवादियों में से एक मसूद अजहर भी था। उस वक्त अजहर आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का सदस्य था।

 

2- पाकिस्‍तान के कराची में जनवरी 2000 को मौलाना मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी गुट की स्‍थापना की थी। बाद में अजहर हरकत-उल अंसार संगठन से जुड़ गया। पहली बार वह 1994 में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया। 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद अजहर को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन लाहौर हाई कोर्ट के आदेश पर 2002 में उसे रिहा कर दिया गया। वर्ष 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या और उसके अपहरण के बाद अमेरिका ने अजहर को सौंपने की मांग की थी। वर्ष 2003 में परवेज मुशर्रफ पर हुए आत्मघाती हमले के मामले में भी उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। दिसंबर, 2008 में भारत और अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्‍तान सरकार ने मसूद को उसके आवास पर नजरबंद कर दिया था। इससे पहले भी दो बार अजहर को हिरासत में लिया गया था। हालांकि, हर बार वह बचने में कामयाब रहा।

 

आतंकवादी हाफ‍िज सईद का भारत से लिंक

1- लश्‍कर-ए-तैयबा का संस्‍थापक हाफ‍िज सईद 26/11 में मुंबई बम हमले का मास्‍टरमाइंड है। इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 164 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2006 में मुंबई ट्रेन धमाकों में भी सईद का हाथ रहा है। वर्ष 2001 में भारतीय संसद के हमले में भी उसका हाथ रहा है। वह एनआइए की मोस्‍टवांटेड सूची में शामिल है। मुंबई हमले के बाद भारत ने सईद को पाकिस्‍तान से सौंपने को कहना था, लेकिन पाक सईद को आतंकवादी मानने से इन्‍कार करता रहा है। भारत समेत अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और आस्‍ट्रेलिया ने सईद के संगठनों पर प्रतिबंध लगा रखा है।

 

2- वर्ष 2012 में अमेरिका ने उस पर 10 मिलियन डालर यानी करीब 70 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। भारत के आग्रह पर इंटरपोल ने सईद के खिलाफ वर्ष 2009 में रेड कार्नर नोटिस जारी किया था। रेड कार्नर नोटिस के बावजूद वह पाकिस्‍तान में खुलेआम घूमता दिखाई देता था। उसे पाकिस्‍तानी सरकार का संरक्षण प्राप्‍त है। अंतरराष्‍ट्रीय दबाव के चलते उसने अपने संगठन का नाम बदल कर जमात उद दावा कर लिया। सईद का जन्‍म 5 जून, 1950 को पाकिस्‍तान के सरगोधा पंजाब में हुआ था। वह 70 साल का है। भारत-पाकिस्‍तान बंटवारे के समय उसका परिवार हरियाणा के हिसार से लाहौर चला गया था।

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