बालेश्वर में तीन ट्रेन दुर्घटनाओं में अबतक 275 लोगों की मौत हो गई जबकि 1100 से ज्यादा घायल हो गए। रेल मंत्रालय के मुताबिक मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और अधिकारी दुर्घटनास्थल पर बहाली प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
कोच्चि, ऑनलाइन डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ओडिशा के बालेश्वर जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना पर दुख जताते हुए कहा कि ट्रेन दुर्घटना में हमने कई लोगों को खोया है। उस दुर्घटना में जिन लोगों की जान गई है और जो लोग घायल हुए हैं उन सभी के परिवारों के प्रति मैं अपने और भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करता हूं।
रेल हादसे में कितने लोगों ने गंवाई जान?
गौरतलब है कि बालेश्वर में तीन ट्रेन दुर्घटनाओं में अबतक 275 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1100 से ज्यादा घायल हो गए। रेल मंत्रालय के मुताबिक, मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और अधिकारी दुर्घटनास्थल पर बहाली प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
इस बीच, अमृता अस्पताल की सिल्वर जुबली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा,
धर्म, परंपरा, संस्कृति और सेवा के चारों क्षेत्र में अम्मा ने दशकों में जो योगदान किया है, उसकी बदौलत न सिर्फ भारत, बल्कि समस्त विश्व में हमारी सनातन संस्कृति को यश दिलाया है। उन्होंने अम्मा ने हमारी संस्कृति को एक नया आयाम और परिचय देने का काम किया है।
अमृता अस्पताल के स्वर्णिम 25 साल
अमित शाह ने कहा कि सेवा के क्षेत्र में अमृता अस्पताल ने अपने स्वर्णिम 25 साल पूरे किए हैं। 1998 से 2023 तक की यात्रा में 20 लाख से ज्यादा मरीजों का पूर्णत: मुफ्त इलाज किया गया। करोड़ों लोगों ने पैसा देकर अपना इलाज कराया है, परंतु 20 लाख गरीबों का मुफ्त इलाज कर उन्हें नया जीवन देने का काम किया है। उन्होंने बताया कि अमृता अस्पताल ने गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च किए, जो यह बताता है कि सेवा परमो धर्म: के वाक्य को अम्मा के इस संस्थान ने चरितार्थ किया।
उन्होंने कहा कि अम्मा के सेवा का दायरा नि सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व में रहा। 2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान ढेर सारी संस्थाओं ने पूरे मन से मदद की, लेकिन अम्मा के संस्थान ने 1200 से ज्यादा भूकंप प्रतिरोधी घर बनाकर दिए और गांव में भी निर्माण कार्य कराया। इस बीच, अमित शाह ने अम्मा द्वारा किए गए कई सेवा कार्यों का उल्लेख किया। जिसमें 2015 नेपाल भूकंप, 2014 जम्मू-कश्मीर बाढ़, 2014 फिलीपींस तूफान, 2004 भारत-लंका सूनामी इत्यादि शामिल हैं। इन तमाम चुनौतीपूर्ण समयों पर अम्मा ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर लोगों की मदद की।