भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बरेली का कार्यक्रम रद, घर-घर संपर्क के लिए आ रहे थे नड्डा

सपा की चुनौती को देखते हुए भाजपा अपने सारे दांव आजमा रही है। भाजपा के तीसरे बड़े नेता यहां प्रचार में आ रहे हैैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बरेली में मतदाताओं से संपर्क साधेंगे

 

बरेली: रुहेलखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान सपा की चुनौती को देखते हुए भाजपा अपने सारे दांव आजमा रही है। भाजपा के तीसरे बड़े नेता बरेली में घर-घर जाकर प्रचार करने का कार्यक्रम था।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बरेली में घर-घर मतदाताओं से संपर्क साधने का कार्यक्रम तय था। लेकिन किन्हीं कारणों से ऐन मौके पर इसे रद कर दिया गया।

पहले राउंड में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान के बाद रुहेलखंड में चुनाव होना है। यह क्षेत्र भाजपा संगठन के हिसाब से ब्रज क्षेत्र का हिस्सा है लेकिन रुहेलखंड की राजनीतिक रुझान थोड़ा अलग है। ब्रज के मथुरा और आगरा में सपा अपनी स्थापना के बाद से ही एकाध सीट पर खाता ही खोल सकी है लेकिन यहां बदायूं सपा की दृष्टि से मजबूत रहा है। इसका प्रभाव बरेली की कुछ सीटों तक पडऩे लगता है। साथ ही यहां मुस्लिमों में आला हजरत दरगाह का प्रभाव है। इसके तौकीर मियां पहले ही काग्रेस को समर्थन दे चुके हैैं।

सपा ने बरेली में सदर सीट पर पार्षद राजेश अग्रवाल को टिकट देकर दाव खेल दिया है, जबकि भाजपा के यहां से विधायक अरुण कुमार ही फिर से उम्मीदवार हैैं। हालांकि अरुण की छवि जनता में बेहतर है लेकिन कोविड की दूसरी लहर के दौरान हुई परेशानी से उनके लिए कुछ मुश्किलें हैैं। ऐसे ही कैंट में भाजपा ने कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल का टिकट काटकर व्यवसायी संजीव अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। सपा यहां से कायस्थ को टिकट दे सकती है। कांग्रेस ने पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन मुकाबले में उतार मुश्किल बढ़ा दी है।

भाजपा चाहती है कि प्रचार में वह इतना बड़ा गैप बना दे कि अनिश्चित मतदाताओं का संशय खत्म हो जाए और उसका मतदाता निश्चिंत हो जाए। पहले दौर में अमित शाह ने इसी उद्देश्य से जन विश्वास यात्रा के समापन पर शहर में रोड शो किया था। शाह शहर की उन गलियों से गुजरे थे, जहां दिन में भी निकलना तक मुश्किल होता है। शाह ने लोगों से हालचाल पूछ फूल बरसाये। हाथ हिलाकर अभिवादन किया। यह सब सीधे भाजपा से कनेक्ट कर गया। यही नहीं राजनीतिक विश्लेषकों ने भी माना कि शाह के शो के बाद भगवा पार्टी का रास्ता आसान हुआ है।

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