भ्रष्टाचार के आरोप में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही अवर अभियंता जितेंद्र दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई एलडीए वीसी ने किया है।
लखनऊ । चुनाव खत्म होते ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) फिर सख्त हो गया है। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के लिए सभी सात जोन के जोनल अफसरों के साथ बैठक की। बैठक में निर्देश दिए हैं कि जिन अवैध इमारतों के मामले लंबित नहीं है, उनकी सूची बनाकर उन पर कार्रवाई की जाए। सभी सोतों जोन के अफसरों में कुछ ने अपने जोन की दस दस सूची बनाकर सौंप दी है। इनमें कई ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें ध्वस्त किया गया था और आज उनमें परिवार रह रहे हैं। उधर भ्रष्टाचार के आरोप में लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने जोन छह में तैनात सुपरवाइजर सत्तार अली को निलंबित कर दिया है और अवर अभियंता जितेंद्र दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लविप्रा उपाध्यक्ष की इस कार्रवाई से सभी जोनों के अभियंताओं व सपुरवाइजरों में हड़कंप मच गया है।
लविप्रा अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि सुपरवाइजर सत्तार अली पर निशातगंज में करीब 900 वर्ग फिट क्षेत्र में हो रहे एक अवैध निर्माण के एवज में रुपये के लेन देन के आरोप लगे हैं। इस पूरे मामले को संज्ञान लेते हुए लविप्रा उपाध्यक्ष ने सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है। उपाध्यक्ष ने सोमवार को प्रवर्तन की बैठक के दौरान अभियंताओं को चेताया कि अवैध निर्माण पर रोक लगायी जाए,कम से कम अब नए आवासीय परिसरों को वाणिज्यिक गतिविधियों में तब्दील न होने दे। इसके लिए जोनल अफसरों को अपने क्षेत्रों में निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने अभियंताओं को चेताते हुए कहा कि नियोजित व अनियोजित कालोनियों में हो रहे अवैध निर्माण रोके जाए, अन्यथा जिम्मेदार सुपरवाइजर, अभियंताओं पर कार्रवाई तय है।