महाभियोग पर बहस के दौरान अपने ही वकील की दलील से नाराज हो गए डोनाल्ड ट्रंप, लगे चिल्लाने

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महाभियोग पर सुनवाई के पहले दिन बचाव पक्ष के वकील की ओर से दी गयी दलील पर अप्रसन्नता जतायी है। सीएनएन ने इस मामले से परिचित दो लोगों के हवाले से बताया कि ट्रंप अपने वकील ब्रूस कैंटर की शुरुआती दलील से इतने निराश थे कि वह लगभग चिल्ला रहे थे। बिल कैसिडी, जॉन कॉर्निन और टेड क्रूज जैसे रिपब्लिकन सांसद पहले ही सार्वजनिक रूप से ट्रंप की कानूनी टीम की इस बात के लिए आलोचना कर चुके हैं कि वह सुनवाई के दौरान इस पर ठोस दलील नहीं रख पायी कि एक पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई संवैधानिक है या नहीं।

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई को संवैधानिक घोषित करने के लिए सीनेट में मंगलवार को मतदान हुआ जिसमें इसके पक्ष में 56 और विपक्ष में 44 मत डाले गये। छह रिपब्लिकन सांसदों ने मतदान में डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ दिया।

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग ट्रायल संवैधानिक: सीनेट
अमेरिका सीनेट ने कहा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का ट्रायल पूरी तरह से संवैधानिक है।सीनेट ने मंगलवार को 56-44 मतों के पक्ष से ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच के मतदान में वोट किये और अब बुधवार दोपहर में महाभियोग को लेकर फिर से चर्चा की जायेगी।

इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने हालांकि सीनेटरों से महाभियोग को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से गलत आरोप बताते हुए खारिज करने का आग्रह किया था लेकिन सीनेटरों ने उनकी इस अपील को दरकिनार करते हुए महाभियोग को संवैधानिक बताया। वकीलों ने कहा था कि ट्रंप का छह जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा से कोई लेना देना नहीं था।

गौरतलब है कि ट्रंप के समर्थकों ने छह जनवरी को वाशिंगटन में कांग्रेस बिल्डिंग कैपिटल हिल पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यह हिंसक घटना उनके द्वारा व्हाइट हाउस के पास हजारों समर्थकों को संबोधित किये जाने के बाद हुई थी। प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में दो महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गयी थी जबकि पुलिस ने इस सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। ट्रंप पर कैपिटल हिल में हुई हिंसा को उकसाने का आरोप है जिसकी वजह से उनके खिलाफ महाभियोग लाने की बात की जा रही है।

ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी सीनेट में महाभियोग पर बहस जारी
ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही एक उपदेश और निष्ठा की शपथ के साथ शुरू हुई जिसके बाद सीनेटरों ने आगे की प्रक्रियाओं के एक प्रस्ताव पर मतदान शुरू किया। सभी सीनेट इस कार्यवाही के दौरान चार घंटे तक मुकदमे की संवैधानिकता के लिए बहस करेंगे। इस कार्यवाही के कुछ दिनों बाद सीनेट महाभियोग की अदालत के रूप में कार्य करेगी और यह तय करेगी कि पूर्व राष्ट्रपति ‘विद्रोह भड़काने’ के दोषी है या नहीं।

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