बीते हफ्ते अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से लगातार ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जिन्हें माफिया और उसके गुंडों ने सताया है जिसके चलते किसी को अपनों को खोना पड़ा तो किसी को अपनी प्रॉपर्टी से ही हाथ धोना पड़ा।
नई दिल्ली, दशकों से माफिया अतीक अहमद के आतंक के साये में जी रहे लोग उसकी मौत के बाद अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं और अपनी दुखभरी आपबीती सुना रहे हैं। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने बताया कि माफिया के परिवार और उसके गुंडों ने उन पर कैसे जुल्म किया है। ऐसा ही दिल्ली का एक गुप्ता परिवार है। गुप्ता परिवार ने बताया कि अतीक अहमद उनके साउथ एक्सटेंशन स्थित 20 करोड़ के घर को फर्जी दस्तावेज बनाकर हड़पना चाहता था। पीड़ित व्यापारी इसके लिए अतीक अहमद से डेढ़ दशक से अकेला ही लड़ रहा है।
डेढ़ दशक से ज्यादा समय से चल रहा केसबात 2006 की है। गुप्ता परिवार की संपत्ति का एक हिस्सा अतीक अहमद को बेच दिया गया था। 66 वर्षीय नरेश गुप्ता बताते हैं कि उक्त प्रॉपर्टी के चार मालिक हैं- वो, उनके दो भाई और एक बहन। घर का एक हिस्सा मिलने के बाद अतीक के गुंडों ने पूरा घर कब्जाने की कोशिश की। नरेश गुप्ता आगे बताते हैं कि अतीक के गुंडे घर का एक हिस्सा कब्जाने में कामयाब हो गए। उस वक्त अतीक सांसद था और वह गुप्ता परिवार को धमकाने भी आया था। उसके गुंडों ने परिवार द्वारा विरोध किए जाने पर सबकी पिटाई भी की। उन्होंने घर को क्षतिग्रस्त भी किया। गुप्ता परिवार का यह घर 292 मीटर भूमि पर में बना हुआ है।
नरेश ने आगे बताया कि अतीक ने फर्जी दस्तावेज बनाकर घर हड़पना भी चाहा और तब से ही यह घर खाली पड़ा है। हम यहां कोई निर्माण कार्य भी नहीं करा पा रहे हैं। 2007 में कोर्ट के आदेश के बाद अतीक को घर का अगला हिस्सा खाली करना पड़ा। हम आज भी केस लड़ रहे हैं। नरेश गुप्ता दिल के मरीज हैं उन्हें हार्ट अटैक भी आ चुका है और अब वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहते हैं।