मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को दो बजे के आस-पास मीरजापुर पहुंचे गए। प्रोटोकाल के मुताबिक वह दो बजकर दस मिनट पर पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर उनका हेलीकाप्टर उतरा। इसके बाद वहां से कार के जरिए विंध्यधाम पहुंचे जहां मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर कुशल मंगल के लिए कामना किए।
मीरजापुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मां विंध्यवासिनी के चरणों में शीश नवाया। विंध्य कारिडोर के निर्माण कार्य का जायजा लिया। नक्शा के माध्यम से इंजीनियरों ने उन्हे जानकारी दी, इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री योगी आज दोपहर लगभग 2.20 बजे पुलिस लाइन पहुंचे। वहां सांसद अनुप्रिया पटेल, विधायक रमा शंकर सिंह पटेल, आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र, डीएम दिव्या मित्तल ने स्वागत किया। विंध्याचल पहुंचने के बाद मां विंध्यवासनी का विधि विधान से दर्शन-पूजन किया। इसके बाद न्यू वीआईपी रोड में कुछ दूर तक पैदल चलकर निरीक्षण किया।
सुरक्षा की दृष्टि से मुख्यमंत्री के गुजरने वाले मार्ग पर पुलिस फोर्स तैनात किए गए थे। मुख्यमंत्री सुरक्षा दल के लोगों ने गुरुवार से ही विंध्यधाम में डेरा डाल दिया था। दर्शन पूजन के बाद करीब तीन बजे कार से मंडलायुक्त सभागार के लिए रवाना हो गए। वहां जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ मंदिर परिसर में हो रहे निर्माण कार्य के संबंध में समीक्षा बैठक करेंगे।
प्रोटोकाल के मुताबिक साढ़े तीन बजे वह हेलीकाप्टर से प्रयागराज के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्यमंत्री के भ्रमण के दृष्टिगत मां विंध्यधाम में जलरोधक पंडालों की व्यवस्था, सुरक्षा की दृष्टि से कराए जा रहे बैरिकेडिंग, न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी मार्ग, कोतवाली मार्ग, पक्का घाट मार्ग समेत सभी इंतजाम किया गया था।
यहां जानिए विंध्य धाम के कितना हुआ परिवर्तन
योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य धाम अब विकसित होने लगा है। इसके साकार होने से यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। श्रद्धालुओं की सभी सुख सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही कारिडोर को आकार दिया जा रहा है। तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काशी विश्वनाथ की तर्ज पर प्रदेश सरकार की तरफ से 331 करोड़ रुपये की लागत से इस पर कार्य चल रहा है।
नाली, पानी और विद्युत व्यवस्था के लिए कोई दिक्कत न हो, ऐसे में इसको भी पूर्ण रूप दिया जा रहा है। कारिडोर निर्माण के लिए भू-स्वामियों को दो गुना मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण किया गया है। भूमि रजिस्ट्री कराने के बाद ध्वस्तीकरण भी कर लिया गया ताकि कार्य को गति मिल सके। एक अगस्त 2021 को गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विंध्य कारिडोर का शिलान्यास कर आधारशिला रखी थी।
527 संपत्तियां खरीदी गईं
जिला पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि विंध्य कारिडोर के लिए अब तक कुल 527 संपत्तियां खरीदी गई हैं, जिसका कुल 96 करोड़ का मुआवजा भी लोगों को दिया जा चुका है। यह संपत्ति दो चरणों में क्रय की गई हैं। सड़कों के निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। पहली किश्त के रूप में 15 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए। पहले चरण में न्यू वीआइपी सड़क का कार्य पूर्ण हो चुका है। पुरानी वीआइपी का भी लगभग 65 प्रतिशत का कार्य भी पूरा हो चुका है। इसके साथ ही नींव की खुदाई का कार्य भी शुरू हो गया है।
130 पीलर बनने हैं, लगभग 100 बनकर तैयार
परिक्रमा पथ के लिए कुल 130 पीलर बनने हैं जिनमें से 100 पीलर बना लिए गए हैं। मंदिर की उत्तर की तरफ पीलर बनकर तैयार हो गए हैं। उसमें नक्काशी पत्थरों को भी लगा दिया गया है। मंदिर के पूर्व तरफ भी सभी पीलर लगभग तैयार हो गए हैं। यहां भी पत्थरों को डाल दिया गया है। पश्चिम की तरफ अभी सरिया को खड़ा किया गया है। फिलहाल नवरात्र मेले को लेकर अभी काम रोक दिया गया है। दक्षिण की तरफ न्यू वीआइपी की तरफ पीलर खड़े हुए हैं, अभी कार्य पूर्ण करना शेष है।
गुलाबी पत्थरों से बढ़ रही चमक
विंध्य कारिडोर में अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जयपुर (राजस्थान) के कुशल कारीगर इन पत्थरों को तराशने का काम कर रहें हैं। पत्थर की शिला को राजस्थान भेजा जा रहा है। इसके बाद जयपुर में इन्हें तराशने के बाद फिर इन्हें मीरजापुर लाया जा रहा है। इन नक्काशीदार पत्थरों को पीलर में लगाया जा रहा है जो बहुत ही आकर्षक हैं।
सात रास्ते हैं मंदिर जाने के लिए
थाना कोतवाली रोड से मंदिर मार्ग, यह मुख्य बाजार भी है इसे सदर बाजार के नाम से जाना जाता है। इस सड़क का चौड़ीकरण कर दिया गया है। यहां नवरात्र में मैट बिछाई जाएगी।
न्यू वीआइपी- यह छोटा रास्ता है मंदिर तक जाने के लिए। इस रास्ते पर गुलाबी पत्थरों को बिछा दिया गया है।
पुरानी वीआइपी – इससे ज्यादातर वीआइपी ही आते हैं मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए, इस रास्ते को रिजर्व रखा जाता है। यहां भी श्रद्धालुओं के लिए गुलाबी पत्थर बिछा दिया गया है।
पक्का घाट से मंदिर – यह गंगा घाटा पर स्नान ध्यान करने के बाद आप सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं दर्शन-पूजन करने। पक्के घाट पर अभी जमीन कच्चा है और वहां पत्थर का चूरा बिछाया जा रहा है।
जयपुरिया गली- चामुंडा की तरफ जाता है और पुरानी वीआइपी रोड पर भी मिलता है। यह अभी पुराने हाल पर ही पड़ा हुआ है।
पाठक जी की गली – यह न्यू वीआइपी से मिलता है जाे मंदिर तक पहुंचता है। यह भी अपने पुराने हाल पर ही है।
भट्ट जी की गली – यह फिलहाल बंद कर दिया गया है। यदि साफ-सफाई कर दी जाए यह पकरीतर होते हुए सीधे थाना कोतवाली रोड पर पहुंच जाएंगे, उसके बाद मंदिर पहुंच सकते हैं। सदर बाजार से यह रास्ता जुड़ा हुआ है।
चार रास्ते प्रमुख हैं मंदिर जाने के लिए
थाना कोतवाली रोड, न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी, पक्का घाट से मंदिर
दिसंबर 2023 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य
वर्तमान में शारदीय नवरात्र को लेकर काम में थोड़ा धीमा जरूर हो गया है लेकिन अब तक जो भी कार्य हुए वह युद्ध स्तर पर किए गए। प्रशासन का दावा है कि नवरात्र के बाद काम को दोबार धार मिलेगा और कारिडोर को दिसंबर 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रहेगा।
क्या बोले अधिकारी
विंध्य कारिडोर का काम तेजी से चल रहा है। फिलहाल नवरात्र की तैयारियों को लेकर निरीक्षण का क्रम जारी है। जल्द विंध्य कारिडोर का भव्य रूप जनता के सामने होगा।
दिव्या मित्तल, जिलाधिकारी।
विंध्य धाम प्रोजेक्ट एक नजर में
331 करोड़ का योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य धाम
1567 लाख रुपये पुरानी वीआइपी गली पर हो रहे खर्च
1941 रुपये में बन रहा 50 फीट का परिक्रमा पथ
662 लाख रुपये में तैयार की जा रही वीआइपी गली
902 लाख रुपये पक्का घाट गली पर हो रहे खर्च
235 लाख रुपये से कोतवाली रोड का कायाकल्प