यूपी के किसानों को नए साल में पर मिलेगा बड़ा उपहार, जानिए योगी सरकार ने क्या बनाया है प्लान,

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि 122 करोड़ से लघु सिंचाई विभाग की लगभग 354 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है। बुंदेलखंड सहित प्रदेश के 391 गांवों के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। बुंदेलखंड पैकेज से ही 33 करोड़ की लागत से चैकडैम तैयार कराए गए हैं।

 

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के किसानों को नए साल में बड़ा उपहार मिल सकता है। योगी सरकार लघु सिंचाई विभाग की दर्जनों योजनाओं को जल्द शुरू कराने जा रही है। सरकार ने 122 करोड़ की लागत से चेकडैम व तालाब तैयार कराएं हैं। साथ ही 100 करोड़ की 227 नई परियोजनाओं की शुरुआत होगी। इन योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अगले दस दिन में कराने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि 122 करोड़ से लघु सिंचाई विभाग की लगभग 354 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है। बुंदेलखंड सहित प्रदेश के 391 गांवों के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। बुंदेलखंड पैकेज से ही 33 करोड़ की लागत से चैकडैम तैयार कराए गए हैं। इसी पैकेज में करीब 50 करोड़ की लागत से तैयार तालाब निर्माण और जीर्णोद्धार की 126 योजनाएं भी शामिल हैं।

लगभग 100 करोड़ की लागत से 227 नई लघु सिंचाई योजनाओं की शुरुआत भी सरकार कर सकती है। इन योजनाओं से 257 गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा। इनमें जिला योजना के तहत प्रदेश भर में करीब 53 करोड़ की लागत से 139 चैकडैमों का निर्माण व लगभग 30 करोड़ की लागत से 88 तालाबों का निर्माण और जीर्णोद्धार कराया गया है।

गौरतलब है कि यूपी में गहराते भूजल संकट को दूर करने के लिए लघु सिंचाई विभाग ने तेजी से कार्य कराया है। वर्षा जल का संचयन, सतही जल के कम उपभोग के साथ जल संरक्षण की विधाओं को प्रोत्साहित करके भूजल संवर्धन के बड़े प्रयास किए गए हैं। सरकार किसानों को सिंचाई की सुविधाओं से संपन्न कर खेती-किसानी के साथ प्रदेश आगे बढ़ाना चाहती है।

ये कार्य करा चुकी सरकार : किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई महत्वपूर्ण फैसले कर चुके हैं। कैबिनेट ने लघु सिंचाई योजना को अब मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के संशोधित स्वरूप में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। किसानों को बोरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित कराया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश में परंपरागत ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का काम किया है। किसानों को उथले, मध्यम व गहरे नलकूपों की बोरिंग सुविधा प्रदान की गई। उथले बोरिंग में 30 मीटर तक व मध्यम में 31 से 60 मीटर तक बोरिंग कराई जाती है। वहीं, गहरे बोरिंग में 61 से 90 मीटर गहरे बोरिंग कराने की सुविधा प्रदान की जाती है। सभी बोरिंग की जियो टैगिंग कराने के साथ-साथ पाइप आदि की खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई है।

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