यूपी के बदायूं में अधिवक्ता से 12 लाख की वसूली करते दिल्ली क्राइम ब्रांच के दारोगा और सिपाही पकड़े गए है। पकड़े गए आरोपित दिल्ली क्राइम ब्रांच के है। जो एक मामले में अधिवक्ता से वसूली करने आए थे।
बरेली : यूपी के बदायूं में अधिवक्ता से 12 लाख की वसूली करते दिल्ली क्राइम ब्रांच के दारोगा और सिपाही पकड़े गए है। पकड़े गए आरोपित दिल्ली क्राइम ब्रांच के है। जो एक मामले में अधिवक्ता से 12 लाख की वसूली करने आए थे। लेकिन यहां उन्हें एसएसपी ओपी सिंह के निर्देश पर सीओ के नेतृत्व में बनी स्पेशल टीम जिसमे एसडीएम भी शामिल थे रंगे हाथों पकड़ लिया। अब इस मामले में टीम पकड़े गए दिल्ली क्राइम ब्रांच के पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है।
यूपी के बदायूं में अधिवक्ता से 12 लाख की वसूली करते दिल्ली क्राइम ब्रांच के दारोगा और सिपाही पकड़े गए है। पकड़े गए आरोपित दिल्ली क्राइम ब्रांच के है। जो एक मामले में अधिवक्ता से 12 लाख की वसूली करने आए थे। लेकिन यहां उन्हें एसएसपी ओपी सिंह के निर्देश पर सीओ के नेतृत्व में बनी स्पेशल टीम जिसमे एसडीएम भी शामिल थे रगें हाथों पकड़ लिया।अब इस मामले में टीम पकड़े गए दिल्ली क्राइम ब्रांच के पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है।
बदायूं के मुहल्ला आवास विकास कालोनी निवासी अधिवक्ता नेकपाल ने करीब छह महीने पहले एक युवक और युवती की शादी कराई थी।युवक बदायूं का रहने वाला है जबकि युवती दिल्ली की निवासी है। अधिवक्ता ने दोनों की शादी के लिए हलफनामा और आधारकार्ड बनवाए थे।इस मामले में दिल्ली के थाना काकोरी में लड़की के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था मामले की जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही थी।रविवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच का एक दारोगा, एक सिपाही व एक महिला सिपाही बदायूं पहुचे।
यहां वह आवास विकास निवासी एडवोकेट नेकपाल के पास पहुँचे और पूरा मामला बताते हुए बताया कि वह भी इस मामले में आरोपित हैं।यह सुनकर अधिवक्ता घबरा गए।क्राइम ब्रांच की टीम जब उन्हें ले जाने लगी तो उन्होंने बचने का रास्ता पूछा।इस पर दारोगा पवन राणा ने उनसे 15 लाख रुपये की डिमांड की।बातचीत करने पर वह 12 लाख पर आ गए।अधिवक्ता ने इसके लिए समय मांगा तो उन्होंने सोमवार तक का समय दिया।इस बीच अधिवक्ता ने जानकारी बार एसोसिएशन के सचिव व अध्यक्ष को दी।
सोमवार सुबह ही अधिवक्ता बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ एसएसपी डॉ ओपी सिंह से मिले।इस पर एसएसपी ने सीओ सिटी आलोक मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम बनाई।जिसमें मजिस्ट्रेट के तौर पर एसडीएम सदर एसपी वर्मा को भी शामिल किया।दोपहर 2:00 बजे रुपए देने की बात तय हुई।अधिवक्ता और क्राइम ब्रांच दिल्ली के पुलिसकर्मियों ने आवास विकास में रकम देने की बात तय की।सोमवार को 1.60 लाख जबकि 10.40 लाख रुपये मंगलवार को देने की बात तय हुई थी। अधिवक्ता के पीछे पीछे सीओ सिटी और उनकी टीम व एसडीएम हो लिए।
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम को दी जाने वाली रकम के हर नोट का नंबर पहले से ही पुलिस के पास दर्ज था।जैसे ही अधिवक्ता ने 1.60 लाख रुपये दिए वैसे ही सीओ सिटी और उनकी टीम तीनों को पकड़ लिया।तीनो को पुलिस सिविल लाइंस थाने ले आई, जहां उनसे पूछताछ चल रही है। इस संबंध में सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने बताया कि जांच चल रही हैं। रिश्वत मांगी गई थी। इसमे कौन कौन दोषी है यह तय किया जा रहा।