योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में लगाई मुहर ; राज्यकर्मी के नामिनी को मिल सकेगी ग्रेच्युटी

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है अब राज्य में कार्यरत सरकारी कर्मचारी यदि कोई वारिस नहीं छोड़ जाता है तो न्यायालय द्वारा तय किए गए उत्तराधिकारी को उनकी ग्रेज्युटी पाने का अधिकार होगा इस निर्णय से सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी सोमवार को कैबिनेट ने वित्त विभाग से जुड़े इस अहम प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।

लखनऊ। प्रदेश में कार्यरत सरकारी कर्मचारी यदि कोई वारिस नहीं छोड़ जाता तो न्यायालय द्वारा तय किए गए उत्तराधिकारी को उनकी ग्रेज्युटी पाने का अधिकार होगा। सोमवार को कैबिनेट ने वित्त विभाग से जुड़े इस अहम प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनीफिट रूल्स-1961 के कानून के तहत सरकारी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए या सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेज्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और वह अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ जाता, न ही कोई नामांकन करता है तो उसे दी जाने वाली ग्रेज्युटी की राशि सरकारी खजाने में समाहित हो जाती थी। कैबिनेट ने मौजूदा कानून को संशोधन के साथ शिथिल करते हुए नामिनी को ग्रेज्युटी का लाभ देने का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार के निर्णय में साफ किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते या सेवानिवृत्ति के उपरांत ग्रेज्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है, न ही कोई नामांकन किया है तो ग्रेज्युटी की राशि का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकता है, जिसके पक्ष में किसी समक्ष न्यायालय द्वारा उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र प्रदान किया गया हो।

मुफ्त दाखिले की सभी सीटें भरने को पांच गुणा आवेदन पर जोर

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों के लिए निर्धारित सभी सीटों को भरने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में सीटों के मुकाबले पांच गुणा अधिक आवेदन फार्म भरवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं अभी 5.45 लाख सीटों के मुकाबले 3.36 लाख बच्चों के ही आवेदन आए थे और 1.02 लाख सीटों पर प्रवेश हो सके थे ऐसे में अब अगले सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिए अधिक से अधिक आवेदन हो सकें इसके लिए दिसंबर से ही प्रक्रिया शुरू की जा रही है स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिलों में आरटीई के लिए उपलब्ध सीटों के मुकाबले कम से कम पांच गुणा आवेदन फार्म भरवाएं।

यही नहीं रेल और बस स्टेशन सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग व पोस्टर इत्यादि लगाए जाएंगे गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त दाखिला दिलाने के लिए उनके अभिभावकों को आनलाइन आवेदन फार्म भरवाने में भी मदद की जाएगी सभी खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) व बीएसए कार्यालय में इसके लिए हेल्प डेस्क बनाई जाएगी ऐसे अभिभावक जिन्हें फार्म भरने में कठिनाई होगी उन्हें यहां फार्म भरवाया जाएगा 58 हजार निजी स्कूलों की मैपिंग की जा चुकी है सभी विद्यालयों का ब्योरा आरटीई पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा रहा है स्कूलवार सीटों का विवरण उस पर अपलोड किया जा रहा है।

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