राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- जनादेश का अनादर ना करे विपक्ष

मुख्यमंत्री ने कहा नेता प्रतिपक्ष की कुछ बातों पर मुझे आश्चर्य हो रहा था। एक होता है व्यक्ति चुनावी सभाओं में बोलता है। मीठी-मीठी बातें करता है लेकिन सदन में अगर जमीनी धरातल की बात होती तो बेहतर होता।

 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सदन को संबोधित किया। विधान भवन में पाचवें दिन की कार्यवाही के दौरान मंडप में मुख्यमंत्री ने इस दौरान विपक्ष को करारा हमला भी किया। उनको अपनी सरकार की प्राथमिकता से भी अवगत कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शायराना भी हो गए और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी तंज कसा।

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्यपाल जी को धन्यवाद, जिन्होंने 23 मई को समवेत सदन को संबोधित किया। उन्होंने सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों का परिचय दिया और भावी कार्ययोजना भी बताईं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की कुछ बातों पर मुझे आश्चर्य हो रहा था। एक होता है व्यक्ति चुनावी सभाओं में बोलता है। मीठी-मीठी बातें करता है। लेकिन सदन में अगर जमीनी धरातल की बात होती तो बेहतर होता। वह तो सदन में भी वैसे ही रहते हैं। जनता जानती थी कि कौन शिलान्यास कर रहा है और कौन उद्घाटन कर रहा है। कौन राशन दे रहा है, कौन अपराधों को नियंत्रण कर रहा है। जनता जनार्दन जानती थी और इसलिए तमाम अफवाहों को दरकिनार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व पर विश्वास किया और सरकार को पुन: आने का अवसर दिया।

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की चर्चा करते-करते एक शेर भी पढ़ा।

नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं।

जमीं पर सितारों की बात करते हैं

वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले

भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता विपक्ष का भाषण मैंने सुना। नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने अपनी उपलब्धियां बताईं। इस दौरान सदन की गरिमा भी तार-तार हुई। उनको अब तो तो समझाना होगा कि जनता ने हमें अपना आशीर्वाद दिया। उत्तर प्रदेश की जनता ने हमें जनादेश दिया है। विपक्ष इस जनादेश का निरादर न करे तो बेहतर है। जनता को सब पता था,इसलिए हमें मौका दिया। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव जीतने पर वह बताते हैं कि ईवीएम गड़बड़ है। हमको जनता ने चुना है और हम उनके दम पर धमाकेदार तरीके से काम कर रहे हैं।

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योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान चुटकी भी ली और कहा कि अभिमान तब होता है जब आपको लगता है कि आपने कुछ किया है। और सम्मान तब होता है जब लोग कहें कि आपने कुछ किया है। हमें अपने कार्यों से जनता जनार्दन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जनता का जनादेश भाजपा नेतृत्व के कार्यों के प्रति एक आशीर्वाद है। हम ढिंढोरा पीट कर नहीं कहते कि हमने पांच एक्सप्रेस वे बना दिया, एयर कनेक्टिविटी दे दी। जनता ने तमाम अफवाहों को दरकिनार कर हमको समर्थन दिया। प्रदेश में तो 37 वर्षों के बाद कोई सरकार फिर से आई है और हम भी धमाकेदार ढंग से अपना काम कर रही है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी का राज्य है। हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास जरूर किया होगा। लेकिन आखिर हम क्यों जनता की अकांक्षाओं का प्रतीक नहीं बन पा रहे थे। हम जीते तो ठीक, भाजपा जीते तो ईवीएम की गड़बड़ी। यह कहना जनता का अपमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में यहां बंगाल से एक दीदी आई थीं। जबकि उनके अपने राज्य में चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा की घटनाएं हुईं। 242 में से 142 सीटों पर हिंसक घटनाएं घटी थीं। इसके कारण 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के दस हजार से अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। चुनाव में 57 लोगों को हत्या हुई। 123 महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। यह सब उस वेस्ट बंगाल में हुआ जहां की आबादी यूपी की आबादी की आधी है। उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद भी और पहले भी कोई हिंसा नहीं हुईं। क्या यहां भाजपा की सरकार नहीं होती तब भी ऐसा होता। मैं मानता हूं कि नहीं होता।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा मिशन सत्ता प्राप्ति नहीं, देश है। इसके लिए हमें संसदीय भावनाओं का सम्मान करना होगा। मार्च 2017 में प्रदेश में भाजपा नेतृत्व की सरकार बनी थी। डबल इंजन की सरकार ने डबल ट्रिपल गति से काम किया। ईओडीबी में दूसरे स्थान पर आए, ईज ऑफ लिविंग में शानदार काम हुआ। क्या यह सही नहीं है कि 2017 से पहले दुनिया के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल में 150000 पद रिक्त थे। हमने 154000 पुलिस भर्ती की। एक भी भर्ती पर सवाल नहीं। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराई। इसके बाद ट्रेनिंग की क्षमता को तिगुना किया। पैरामिलिट्री, मिलिट्री के ट्रेनिंग सेंटर लिए गए। बीते पांच वर्ष में व्यापक पुलिस सुधार हुए। यूपीएसएसएफ और एफडीआरएफ का गठन हुआ। रेंज स्तर पर साइबर थाने बने। आईटीएमेस और सेफ सिटी की परियोजना पर काम हुआ। लखनऊ में फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट पर तेजी से काम चल रहा है। कानून व्यवस्था में कभी पीएसी की बड़ी भूमिका होती थी। लेकिन साजिश के तहत 54 कंपनियां को बंद कर दिया गया। क्या अगर पीएसी होती तो मुजफ्फरनगर बरेली में महीनों महीनों कफर्यू रहता, नहीं रहता। आखिर हमने इन्हें बहाल किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो दंगा मुक्त उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त किया है। हमने तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया है। पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिलाओं को जगह दी गई। आज उत्तर प्रदेश का कोई नागरिक कहीं जाता है तो सम्मान पाता है। उत्तर प्रदेश एक नई राह पर हर फील्ड में आगे बढ़ रहा है। पुलिस भर्ती, पुलिस रिफॉर्म के साथ पुलिस आधुनिकिकरण के अच्छे नतीजे आये हैं। कानून का राज स्थापित हुआ है।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम अपने युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन दिया है। शिवपाल सिंह यादव जी ने भी अपने विधनसभा क्षेत्र में टैबलेट स्मार्टफोन बांटा है। इस कार्य के लिए उनको भी धन्यवाद। 12 लाख युवाओं को हम दे चुके हैं। 02 करोड़ युवाओं को देने जा रहे हैं। हमने पांच लाख सरकारी नौकरी दी। एक पर भी सवाल नहीं उठा है। हमने योग्यता के आधार पर पारदर्शी रीति से चयन किया है। एक लाख 61 हजार को निजी क्षेत्र में रोजगार मिला और 60 लाख युवा स्वरोजगार से जुड़े। 2017 के बाद किसी भर्ती में कोई कह नहीं सकता कि धांधली हुई। नए भारत के नया उत्तर प्रदेश का युवा कहीं जाता है तो सम्मान पाता है। इसी के लिए जनता ने जनादेश दिया है।

उन्होंने बताया कि विधान भवन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में अब तक कुल 117 सदस्य भाग ले चुके हैं। सत्ता पक्ष के 67 और विपक्ष के 50 सदस्यों ने लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा बढ़ाने का काम किया है। सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन।

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