आरोप है कि वर्ष 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रीता बहुगुणा जोशी लोकसभा चुनाव के प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी लखनऊ में चुनाव प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन कर रही थीं।
लखनऊ, चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने के एक मामले में एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। गुरुवार को भी इस मामले का एक गवाह अदालत में मौजूद था। अभियुक्तों की ओर से गवाह से जिरह होनी थी लेकिन उनकी ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई। अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है। इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी के अलावा प्रभा श्रीवास्तव, राम सिंह यादव, संजय यादव व मनोज चौरसिया के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 133 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था। 17 फरवरी, 2012 को इस मामले की रिपोर्ट सर्विलांस टीम के स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी बजरंगनगर में जनसभा कर रही थी।
रीता बहुगुणा के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी करने का आदेश रीता बहुगुणा जोशी पर आरोप है कि वर्ष 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव के प्रचार का समय समाप्त होने के बाद चुनाव प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन कर रही थीं। थाना कृष्णा नगर में स्टैटिक मजिसट्रेट द्वारा 17 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि उन्हें सूचना मिली थी कि मोहल्ला बजरंग नगर में कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी प्रचार का समय समाप्त होने के बावजूद आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जनसभा कर रहीं हैं।
मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की विवेचना उप निरीक्षक राम सहाय द्वारा गई। उन्होंने 11 मार्च 2012 को रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत में धारा 126 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम तथा धारा 188 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई दो नवंबर को होगी।