रूस और यूक्रेन के बीच जंग में वॉशिंगटन और बर्लिन द्वारा भेजे जाने वाले टैंकों की संख्या 100 से कम होंगे। ये टैंक युद्ध के में खेल को पूरी तरह से पलटने की क्षमता रखते हैं। रूस ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति से युद्ध बढ़ेगा।
कीव, एजेंसी : रूस और यूक्रेन के बीच जंग को लगभग एक साल पूरे होने वाले हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच फिलहाल युद्ध थमता नहीं दिख रहा है। इस बीच रूस को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अमेरिका और जर्मनी यूक्रेन को अपने भारी टैंक भेजने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका बुधवार को ये घोषणा सकता है कि वो अपना एम1 अब्राम टैंक भेजेगा। जबकि, जर्मनी ने यूक्रेन में अपना लियोपार्ड 2 टैंक भेजने का फैसला किया है। हालांकि, इसको लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
अमेरिकी टैंकों को नष्ट कर देगा रूसयूएस में रूस के राजदूत अनातोली एंटोनोव ने बुधवार को कहा कि अमेरिका इन युद्धक टैंकों को भेजकर उन्हें उकसा रहा है। रूसी सेना उन अमेरिकी टैंकों को उसी तरह नष्ट कर देगी जैसे कि नाटो के अन्य हथियारों को युद्ध मैदान में ध्वस्त कर रही है। यूक्रेन और रूस के बीच जंग से दोनों पक्षों को भारी नुकसान पहुंचा है। माना जा रहा है कि दोनों अब नए हमले की योजना बना रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा कि रूस, यूक्रेन के औद्योगिक शहर बखमुत की ओर अपना दबाव बढ़ा रहा है। लेकिन यूक्रेनी सेना डटकर उनका सामना कर रही है।
रूसी सेना को कड़ा जवाब देना चाहता है यूक्रेनयूक्रेन का कहना है कि वो टैंकों की मदद से रूसी सेना को कड़ा जवाब दे सकता है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि वॉशिंगटन दर्जनों एम1 अब्राम टैंक यूक्रेन को भेजने की तैयारी कर रहा है। वहीं, जर्मनी ने करीब 14 लियोपार्ड 2 ए6 टैंक को भेजने का फैसला किया है। जर्मनी का लियोपार्ड 2 टैंक को दुनिया भर में लगभग 20 सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इन टैंकों को तैनात करना आसान है। वहीं, इसकी तुलना में अमेरिका के अब्राम टैंक को कम उपयुक्त माना जाता है। इसमें ईंधन की खपत व रखरखाव की खपत अधिक है।