मोतीनगर राजकीय बाल गृह बालिका से छह संवासिनियों की फरारी का मामला एक अभी तक नहीं हो सकी बरामद। इन सभी के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने के साथ ही महिला एवं बाल कल्याण विभाग समेत संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
लखनऊ, मोतीनगर स्थित राजकीय बाल गृह (बालिका) से संवासिनियों के भागने के मामले में पुलिस की जांच में सात कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। सातों के खिलाफ मामले की विवेचना कर रहे दारोगा रमेश ङ्क्षसह वरुण ने पहले ही मुकदमा दर्ज कर लिया था। इन सभी के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने के साथ ही महिला एवं बाल कल्याण विभाग समेत संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
इंस्पेक्टर नाका मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि चार जुलाई को परिसर की बाउंड्रीवाल के पास लगी वॉश बेसिन पर चढ़कर पांच संवासिनियां भागी थीं। उन्हें हफ्तेभर के अंदर सीतापुर, गोंडा समेत अन्य जिलों से बरामद कर लिया गया था। मामले की जांच में राजकीय बाल गृह (बालिका) की कर्मचारी मीना देवी, शिखा भट्टाचार्या, सबीना, कविता के अलावा विवेक जायसवाल, जमील और होमगार्ड अमित कुमार की लापरवाही सामने आई है। इनके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली गई है।
संवासिनियों के पास से बरामद हुए थे मोबाइल फोन : इंस्पेक्टर ने बताया कि अधीक्षिका मिथलेश कुमारी परिसर में नहीं रहतीं। नियमत: उन्हें परिसर में ही रहना चाहिए। कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ही संवासिनियों ने मोबाइल फोन अपने पास रखा था। उनके पास से मोबाइल फोन भी बरामद हुए थे।
ड्यूटी के दौरान सो रहा था गार्ड, भाग निकली संवासिनी : इंस्पेक्टर ने बताया कि 21 अगस्त को जब यहां से एक संवासिनी भागी, उस समय गार्ड अपने कमरे में सो रहा था। संवासिनी का अभी तक कुछ पता नहीं चला। वह दिल्ली की रहने वाली थी। वह 13 अगस्त को बहराइच से आई थी। संवासिनी ऐशबाग रेलवे स्टेशन पर लगे सीसी कैमरे में दिखी है। इसके बाद स्टेशन के बाहर वह रिक्शे के जाते हुए सुबह करीब छह बजे दिखी। इंस्पेक्टर ने बताया कि संवासिनी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे बरामद कर लिया जाएगा।