लखनऊ के स्कूलों पर सीएम योगी के आदेश का असर नहीं, बिना फिटनेस दौड़ रहे 1,828 स्कूली वाहन

जिला स्तर पर स्कूली वाहनों की जांच के लिए समितियां बनाई गई थीं। इसमें जिलाधिकारी बीएसए डीआईओएस यातायात पुलिस आरटीओ और स्कूल यूनियन के पदाधिकारियों को रखा गया है। यह समितियां स्कूल प्रबंधन के साथ सामंजस्य बनाकर वाहनों के फिटनेस मानकों की जांच करेंगे।

 

लखनऊ । सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश और एआरटीओ की नोटिस का स्कूल संचालकों पर अभी असर पड़ता दिख नहीं रहा है। बच्चों की जान जोखिम में डालने वाले करीब 1,828 वाहन बिना फिटनेस कराए ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देशों के बाद भी आए दिन स्कूल वाहन पकड़े जा रहे हैं। बता दें कि इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सख्त हिदायत दे चुके हैं। इसके बावजूद स्कूल बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

  • स्कूली के नाम पंजीकृत वाहनाें की संख्या -2,042
  • इनमें से फिटनेस फेल गाड़ियों की संख्या -709
  • स्कूल में चलाने के लिए परमिट धारी वाहनों की संख्या -2,412
  • इनमें से फिटनेस फेल गाड़ियों की संख्या -1,119
  • फिटनेस फेेल वाहनों की संख्या – 1,828
  • परमिट और स्कूल से जुडे़ कुल वाहनों की संख्या -4,454

नोट: इनमें बस और वैन दोनों शामिल हैं।

ये हैं जिम्मेदारः जिला स्तर पर स्कूली वाहनों की जांच के लिए समितियां बनाई गई थीं। इसमें जिलाधिकारी, बीएसए, डीआईओएस, यातायात पुलिस, आरटीओ और स्कूल यूनियन के पदाधिकारियों को रखा गया है। यह समितियां स्कूल प्रबंधन के साथ सामंजस्य बनाकर वाहनों के फिटनेस मानकों की जांच करेंगे। आरटीओ संदीप कुमार पंकज ने बताया कि नियमानुसार नोटिस जारी कर दी गई है। ऐसे वाहनों पर कार्रवाई भी की जा रही है।

 

स्कूली वाहनों के सुरक्षा मानक

  • वाहन का शैक्षणिक संस्था के नाम से पंजीकृत होना।
  • स्कूल बसों की उम्र 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • प्रत्येक स्कूल बस में फर्स्ट-एड-बाक्स होना।
  • हर बस में स्पीड कंट्रोल डिवाइस आवश्यक।
  • स्कूल बस की खिड़की पर जाली होनी जरूरी।
  • इन वाहनों में प्रेशर हार्न प्रतिबंधित।
  • हर बस में सीएनजी लीकेज न होने का प्रमाण पत्र।
  • बस में सीटिंग क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक बच्चों को बैठाया जाना प्रतिबंधित।
  • चालक का ड्राइविंग लाइसेंस कम से कम पांच साल पुराना होना जरूरी।
  • स्कूल बस चालकों के बारे में अपराध का पुलिस वेरीफिकेशन होना आवश्यक।
  • बसों में एक अटेंडेंट आवश्यक।

बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने को किसी को भी इजाजत नहीं है। इस संबंध में स्कूल संचालकों और वाहन स्वामियों को चेतावनी नोटिस जारी कर दी गई हैं। अगर तय समय में वाहन स्वामियों ने फिटनेस नहीं कराई तो फिर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिकी तक दर्ज कराई जा सकती है। -अखिलेश द्विवेदी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन

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