लखनऊ के DRDO अस्‍पताल में 90 फीसद बेड खाली, तीमारदार गिड़गिड़ाते रहे, नहीं भर्ती हुए मरीज,

बुधवार रात अस्पताल में केवल 11 मरीज ही पहुंचे। गुरुवार दोपहर एक बजे तक यह आंकड़ा केवल 22 का ही रहा जबकि गुरुवार शाम छह बजे तक इतने बड़े अस्पताल में केवल 42 मरीजों की भर्ती हो सकी जिसमें 26 मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया गया।

 

लखनऊ, मेरे पापा को बचा लीजिए। वह 61 साल के हैं और कोरोना संक्रमित हो गए हैं। दोनों फेफड़े में इंफेक्शन बढ़ रहा है। सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। डीआरडीओ अस्पताल में बीमार पिता किशोरी लाल को भर्ती कराने के लिए युवती अस्पताल के गेट पर मिन्नतें कर रही थीं। अस्पताल में आइसीयू के 123 और आक्सीजन वाले जनरल वार्ड में 85 बेड खाली थे, लेकिन भर्ती करने की जगह सीएमओ के कोविड कमांड सेंटर से रेफर कराने को कहा गया। युवती ने बताया कि उसने बुधवार शाम चार बजे सेंटर के नंबर 05224523000 पर फोन किया था और बोला गया कि डॉक्टर से बात करेंगे, लेकिन किसी ने भी वापस फोन नही किया।

यह अकेले किशोरी लाल नहीं हैं। कोविड कमांड सेंटर की अव्यवस्था के शिकार शहर में कई लोग हैं। अवध शिल्प ग्राम में जिस 505 बेड के कोविड अस्पताल को डीआरडीओ ने बनाया, वहां बड़ी संख्या में बेड खाली इसलिए रह हैं, क्योंकि कोविड कमांड सेंटर यहां गंभीर मरीजों को भेजने में असफल रहा। ऐसा तब है जब इस अस्पताल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिशन मोड पर बनवाया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन बुधवार को किया था। बुधवार से शुक्रवार तक यहां 250 बेड पर कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाना था। इनमें 150 आइसीयू और 100 ऑक्सीजन वाले जनरल वार्ड के बेड पर सेना ने बुधवार शाम छह बजे से कोरोना मरीजों की भर्ती शुरू की।

बुधवार रात अस्पताल में केवल 11 मरीज ही पहुंचे। गुरुवार दोपहर एक बजे तक यह आंकड़ा केवल 22 का ही रहा, जबकि गुरुवार शाम छह बजे तक इतने बड़े अस्पताल में केवल 42 मरीजों की भर्ती हो सकी, जिसमें 26 मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया गया। एक वेंटिलेटर और 15 मरीज आक्सीजन वार्ड में भेजे गए। उधर कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती के लिए भटक रहे तीमारदार सीधे डीआरडीओ के कोविड अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां उनको मायूसी ही हाथ लगी। कोविड कमांड सेंटर से रेफर किए बिना मरीजों की इस अस्पताल में भर्ती नहीं हो सकी।

तीमारदार भी आए

अस्पताल में तीमारदारों के ठहरने की भी सुविधा है। ऐसे में कई मरीजों के साथ उनके तीमारदार भी आए। मरीज को भर्ती कराने के बाद वह यहीं रैन बसेरे में ठहर गए।

चार की मौत

डीआरडीओ अस्पताल पहुंच कर चार संक्रमित रोगियों की मौत हो गई। इसमें से एक रोगी की मौत रास्ते में ही हो गई थी। ट्राई एज भवन में स्क्रीनिंग के बाद डाक्टरों ने रोगी को मृत घोषित कर दिया।

फोन भी बजे

डीआरडीओ अस्पताल में भी हेल्पलाइन बनी है। यहां तैनात रजिस्ट्रार कर्नल समीर मेहरोत्रा के नंबर 9519109283 पर 350 से अधिक लोगों ने फोन कर संपर्क किया। हेल्प डेस्क के नंबर 9519109239 और 9519109240 पर भी दिनभर घंटियां बजती रहीं। हालांकि कई लोगों ने कमांडेंट ब्रिगेडियर जीसी गुलाटी के मोबाइल नंबर 9519109253 पर कई लोगों ने संपर्क किया तो नंबर नहीं उठ सका।

आक्सीजन टैंकर भेजा

वायुसेना के मालवाहक विमान से चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से एक खाली आक्सीजन टैंकर रांची रवाना किया गया था, जिसमें आक्सीजन लोड करने के बाद सड़क मार्ग से लखनऊ भेज दिया गया।

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