लखनऊ जेल में बंदी की मौत के मामले में सामने आई चौंकाने वाली बात, पोस्‍टमार्टम र‍िपोर्ट ने बदली पूरी कहानी

इंस्पेक्टर गोसाईगंज अमरनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी उन्हें नहीं मिली है। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी। बता दें बंदी का शव शौचालय में सोमवार देर रात रोशनदान से गमछे के सहारे फंदे पर लटका मिला था।

 

लखनऊ । जिला जेल में बंदी रूपेश की मौत के मामले में बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद नया मोड़ आ गया है। पोस्टमार्टम में उसका सिर फटा मिला है। इसके अलावा पैरों में लाठियों से पिटाई की मिली है। यह चोटें एंटीमार्टम (मौत से पहले की) हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट इशारा करती है कि बंदी की जेल में पहले पिटाई हुई इसके बाद उसका शव फंदे से लटका दिया गया। डाक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम किया। इंस्पेक्टर गोसाईगंज अमरनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी उन्हें नहीं मिली है। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी।

 

बता दें, बंदी का शव शौचालय में सोमवार देर रात रोशनदान से गमछे के सहारे फंदे पर लटका मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कई तरह के सवाल जेल की व्यवस्थाओं और कैदियों की सुरक्षा को लेकर खड़े हो गए हैं। उधर, जेल मुख्यालय के प्रवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि बंदी की मौत के मामले में विभाग द्वारा डीआइजी स्तर पर एक जांच कमेटी गठित की गई है। जो जेल की व्यवस्थाओं, किन परिस्थियों में बंदी की मौत हुई इसके अलावा अन्य बि‍ंदुओं पर जांच करेगी।

वहीं, दूसरी न्यायिक कमेटी गठित करने के लिए मुख्यालय द्वारा न्यायिक विभाग को लिखा गया है। यह कमेटी जिला जज द्वारा गठित की जाएगी। वहीं, घटना के बाद मृतक के भाई राकेश निवासी सीतापुर बिसवां जलालपुर ने बताया कि भाई के साथ डकैती के मामले में बंद अन्य आरोपितों ने उसकी हत्या की है। राकेश ने जेल प्रशासन पर मिली भगत का आरोप लगाते हुए रूपेश की हत्या करने की बात कही है। पोस्टमार्टम के बाद राकेश और उनके परिवारीजन शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए चले गए।

 

मिला था सुसाइडनोट, पुलिस पर लगाया था डकैती में फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप : रूपेश की बैरक से कपड़ों में एक सुसाइडनोट मिला था। सुसाइडनोट में उसने गोसाईगंज पुलिस पर फर्जी डकैती के केश में फंसाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने उसे 17 अगस्त को लोहा व्यवसायी के मुनीम से हुई 35 लाख की लूट के मामले में जेल भेजा था। तब से वह जेल में था। वहीं, रूपेश के भाई राकेश ने बताया कि उसका भाई लुटेरा नहीं है। पुलिस ने लूट के मामले में गलत तरीके से जेल भेजा था।

 

फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया सुसाइड नोट, उठे सवाल : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत से पहले बंदी रूपेश की पिटाई की पुष्टि होने के बाद उसकी बैरक मेंं कपड़ों में मिले सुसाइडनोट पर भी सवाल उठ गए हैं। सुसाइड नोट रुपेश ने लिखा अथवा उसे मारने के बाद आत्महत्या का रूप देने के लिए किसी और ने लिखकर उसके बैग में रखा। जेल प्रशासन ने बताया कि सुसाइडनोट को परीक्षण के लिए फोरेंसिक साइंस लैब भेजा जा रहा है। वहां हैंडराइटि‍ंग एक्सपर्ट सुसाइड नोट की जांच करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *