लखनऊ में अब चौराहों पर पहुंचते ही पकड़े जाएंगे अपराधी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 10 चौराहों पर लगेंगे 155 फेस रिकग्निशन कैमरे। कैमरे की 50 मीटर की जद में आते ही ट्रेस हो जाएंगे अपराधी सूचना मिलते ही होगी धरपकड़।
लखनऊ, अब चेन लूट, छिनैती व अन्य अपराधों को अंजाम देकर भाग रहे अपराधियों को पुलिस अब फेस रिकग्निशन कैमरे की मदद से चौराहे पर ही दबोच लेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के 10 प्रमुख चौराहों पर हाईटेक फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। बीते दिनों पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर, स्मार्ट सिटी, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने चौराहों का इस बाबत सर्वे भी किया है। इन कैमरों का संचालन आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से होगा। परीक्षण सफल होने पर अन्य चौराहों पर भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। प्रदेश में सबसे पहले यह व्यवस्था वाराणसी में शुरू हुई थी।
डेटा बेस की मदद से 50-60 मीटर दूरी से पहचान लेगा अपराधी : फेस रिकग्निशन कैमरा अपराधियों के डेटा बेस रिकार्ड से फोटो की पहचान करेगा। डेटा बेस आइटीएमएस में दर्ज होगा। चौराहे पर लगे कैमरे की 50-60 मीटर की जद से जैसे ही अपराधी गुजरेगा तो ट्रेस हो जाएगा। आइटीएमएस में बैठे पुलिस कर्मी को कैमरे की मदद से अलर्ट मिलेगा। आइटीएमएस कर्मचारी चौराहे पर तैनात पुलिस कर्मी को अपराधी की पहचान बताते हुए सूचना देगा। इसके बाद पुलिस कर्मी अपराधी का पीछा कर उसे पकड़ लेंगे।
हेलमेट और मास्क लगाकर भी अपराधी नहीं छुपा सेकेंगे पहचान : डीसीपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य ने बताया कि हेलमेट और मास्क लगा होने पर भी फेस रिकग्निशन कैमरा अपराधी को पहचान लेगा। साफ्टवेयर फोटो और वीडियो से भी ट्रेस कर लेगा। अगर अपराधी सालों बात सक्रिय हुआ और पुलिस के रिकार्ड में उसकी पुरानी फोटो है। तो इस साफ्टवेयर की मदद से पुरानी फोटो से भी अपराधी पहचाने जा सकेंगे।
इन चौराहों पर लगेंगे कैमरे : हजरतगंज, पुरनिया, आइटी, पालीटेक्निक चौराहा, इंदिरागांधी प्रतिष्ठान चौराहा, 1090 चौराहा, बाराबिरवा चौराहा, इंजीनियरिंग कालेज चौराहा, मुंशी पुलिया चौराहा और बंगला बाजार चौराहा।