डेंगू के डंक ने लखनऊ में एक दारोगा की जान ले ली है। मरीज को गंभीर अवस्था में गोमती नगर विस्तार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि मरीज दूसरे जिले का है। इसके आलावा राजधानी के 12 अन्य लोगों में डेंगू की प्राथमिक पुष्टि हुई है।
लखनऊ, डेंगू के डंक ने सोमवार को एक दारोगा की जान ले ली है। मरीज को गंभीर अवस्था में गोमती नगर विस्तार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि मरीज दूसरे जिले का है। इसके आलावा राजधानी के 12 अन्य लोगों में डेंगू की प्राथमिक पुष्टि हुई है। एलाइजा जांच के लिए नमूने स्वास्थ्य विभाग की स्टेट लैब में भेजा गया है। प्रयागराज निवासी दरोगा शिखर उपाध्याय (45) को कई दिनों से बुखार था। चार दिन पहले उन्हें गोमतीनगर विस्तार के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज में प्लेटलेट्स काउंट काफी कम था। वह डेंगू शॉक सिंड्रोम में जा चुके थे। इसलिए इलाज के बावजूद मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। सोमवार को मरीज की मौत हो गई।
वहीं, सिविल अस्पताल की ओपीडी में आए पांच लोगों में रैपिड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें एक मरीज को डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है। लोकबंधु में दो लोगों में डेंगू का पता चला। बलरामपुर अस्पताल में पांच लोगों की कार्ड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। दारोगा की मौत मामले में वेक्टर बोर्न डिजीज के प्रभारी डा. केपी त्रिपाठी का कहना है कि अभी उनके पास दारोगा के मौत होने की जानकारी किसी अस्पताल की ओर से नहीं भेजी गई है। वह मामले को पतवा करवा रहे हैं।
प्रदेश में अब तक डेंगू के मिले 2,316 मरीजः यूपी में सोमवार को डेंगू से ग्रस्त 243 नए रोगी मिले। अब तक डेंगू के कुल 2,316 मरीज सामने आ चुके हैं। लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए प्रयास और तेज कर दिए गए हैं। घर-घर सर्वे के साथ सर्विलांस का काम और तेज कर दिया गया है। शासन स्तर से हर जिले में भेजे गए नोडल अधिकारियों की देखरेख में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। मच्छरों पर मजबूत वार करने के सभी उपाए किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशालय में बनाए गए कंट्रोल रूम की मदद से जिलों की निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत सिंह के मुताबिक मरीजों को चिन्हित करने के काम के साथ-साथ हर जिले में एक-एक एलाइजा मशीन भेजी गई है। सभी जिलों में डेंगू की जांच के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। जिलों की मैपिंग कर हाट स्पाट पहले ही चिन्हित किए जा चुके हैं। साफ-सफाई के साथ-साथ दवाओं की किट के वितरण का काम भी तेज कर दिया गया है। उधर अब तक चिकनगुनिया के 28 और काला-अजार के करीब 40 रोगी मिल चुके हैं।