लखनऊ में पटाखे की दुकान में बन रहे थे हथगोले, ताबड़तोड़ धमाकों से लगी आग, इलाके में फैली दहशत

लखनऊ के इटौंजा में महोना रोड पर बुधवार दोप‍हर पटाखे की दुकान पर अचानक ताबड़तोड़ हुए धमाकों के बाद आग लग गई। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। धमाके के बाद लगी आग से चार लोग झुलस गए।

 

लखनऊ,  इटौंजा में महोना रोड पर स्थित एक पटाखे की दुकान में हथगोले बनाते समय बुधवार सुबह करीब 11 बजे तेज विस्फोट हुआ और आग लग गई। इसके बाद ताबड़तोड़ कई धमाके हुए और पूरे इलाके में दहशत फैल गई। हादसे में दुकानदार आरिफ समेत चार लोग घायल हो गए। चारों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस और फायर विभाग की टीम जांच कर रही है।

हथगोले बनाते समय हुए कई धमाके

इटौंजा क्षेत्र में रहने वाले आरिफ की महोना रोड पर पटाखे की दुकान बड़ी दुकान है। दुकान के पीछे गोदाम और जहां पटाखे काफी मात्रा में रखे हैं। बुधवार सुबह आरिफ के साथ ही रहमत, आमिर और इकरार गोदाम में हथगोले और पटाखे बना रहे थे। इस बीच बारूद भरते समय एकाएक तेज धमाका हुआ और आग लग गई। आग की चपेट में आने से गोदाम में ताबड़तोड़ धमाके होने लगे। घटना से गांव में अफरा-तफरी मच गई। आस पड़ोस में रहने वाले लोग और दुकानदार बाहर निकल आए। लोगों ने दमकल को सूचना दी और पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास करने लगे।

 

पटाखों में भर रहे थे बारूद, अचानक तेज आवाज के साथ हुआ व‍िस्‍फोटदमकल कर्मी, इटौंजा पुलिस और अधिकारी पहुंचे। मौके का निरीक्षण किया। हादसे में आरिफ, रहतम, आमिर और इकरार घायल हो गए। चारों को क्षेत्र स्थित अस्पताल ले जाया गया। जहां से हालात नाजुक देख सिविल रेफर कर दिया गया। डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने बताया कि दमकल विभाग जांच कर रहा है। आरिफ की हिंदुस्तान फायर वर्क्स के नाम से दुकान थी। पूछताछ में उसने बताया कि पटाखे में बारूद भरते समय हादसा हुआ है। जांच की जा रही है। आरिफ के पास दुकान का लाइसेंस भी है। सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

सहालग और ईद के लिए बन रहे थे पटाखे, नहीं थे अग्नि सुरक्षा उपकरणदुकान के पीछे भारी मात्रा में पटाखे और विस्फोटक सामग्री इकट्ठा थी। आरिफ सहालग के लिए पटाखे बनवा रहा था। इसके अलावा ईद में चांद रात पर भी लोग बड़ी संख्या में पटाखे खरीदते हैं। ईद और सहालग की खपत के लिए पटाखे बनाकर स्टोर किए जा रहे थे। दुकान और गोदाम में मानक के अनुरूप अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं थे। पटाखों का रख-रखाव भी व्यवस्थित नहीं था।

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