लखनऊ में मंगलवार की देर रात एक शादी समारोह से लौट रही युवती ने गांधी सेतु से गोमती नदी में कूद कर अपनी जान दे दी। एसडीआरएफ की टीम ने छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला।
लखनऊ, गोमतीनगर इलाके में मंगलवार की देर रात बहन को मोबाइल थमा कर बंगला बाजार की रहने वाली 22 वर्षीय शालिनी मौर्या ने गांधी सेतु से गोमती नदी में छलांग लगा दी। सूचना पर एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीम पहुंची। आपदा प्रबंधन की टीम ने छह घंटे की मशक्कत के बाद बुधवार सुबह शालिनी का शव नदी से खोज निकाला।
इंस्पेक्टर गोमतीनगर केके तिवारी के मुताबिक, शालिनी समारोह में वेटर का काम करती थी। वह अपनी बहन और सहकर्मियों के साथ एक शादी समारोह से मंगलवार रात लौट रही थी। किसी से फोन पर बात भी कर रही थी। एकाएक बहन के हाथ में मोबाइल थमाकर शालिनी ने गांधी सेतु से गोमती नदी में छलांग लगा दी। सहकर्मी और उसकी बहन चीख-पुकार करने लगे।
सूचना पाकर मौके पर पुलिस की टीम पहुंची। पुलिस ने प्राइवेट गोताखोरों को बुलाया। वह शालिनी की खोजबीन नहीं कर सके। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। टीम के गोताखोर नदी में उतरे। उन्होंने कई किमी तक शालिनी की खोजबीन की। करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद आपदा प्रबंधन की टीम ने शालिनी को नदी से खोज निकाला। तब तक शानिली की मौत हो चुकी थी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। शालिनी के घरवालों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। वह जो भी तहरीर देंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे शालिनी के परिवारजन ने इस मामले में कोई भी बात करने से इंकार कर दिया। हालांकि वह दबी जुबान से किसी व्यक्ति पर प्रताड़ना का आरोप लगा रहे थे। इस दौरान परिवार की महिलाओं ने किसी से फोन पर बात कर उसे मौत का जिम्मेदार बताया पर जानकारी देने से इंकार कर दिया।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप, हंगामा : शालिनी के परिवारजन और साथियों ने गोमतीनगर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि समय रहते अगर पुलिस गोताखोरों अथवा आपदा प्रबंधन की टीम को बुला लेती तो शालिनी जीवित मिल सकती थी। पुलिस ने आपदा प्रबंधन की टीम को देर से सूचना दी। घटना के करीब दो घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची। पुलिस की लापरवाही के कारण शालिनी की मौत हुई है।