लखनऊ में छठोत्सव के मौके पर भोजपुरी बयार बहेगी। इसकी शुरूआत मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ करेंगे। सूर्य उपासना का पर्व छठ 30 को है। 28 से चार दिवसीय महापर्व शुरू होगा। लखनऊ में 110 स्थानों पर होगी पूजा की जाएगी।
लखनऊ, आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ । सूर्य उपासना का महापर्व छठ 30 और 31 अक्टूबर को पड़ रहा है। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय के नेतृत्व में लक्ष्मण मेला स्थल के छठ घाट पर सफाई और तैयारियों को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव इंद्रमणि त्रिपाठी व नगर निगम के अधिकारियों ने दौरा किया।
मुख्य पर्व की शुरुआत करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथअखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि चार दिवसीय आयोजन 28 अक्टूबर से शुरू हो जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 अक्टूबर को होने वाले मुख्य पर्व की शुरुआत करेंगे। 30 की शाम को अस्ताचलगामी और 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य की उपासना की जाती है। दो दिन तक लक्ष्मण मेला स्थल पर भोजपुरी कलाकारों की ओर से छठ गीतों को पेश किया जाएगा।
110 स्थानों पर छठ पर्व का पूजन होगादो दिन तक लक्ष्मण मेला स्थल समेत मानकामेश्वर उपवन घाट, लक्ष्मण मेला मैदान, श्री खाटू श्याम मंदिर, अग्रसेन घाट, मवैया, मानसनगर संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर, बड़ी व छोटी नगर आलमबाग व महानगर के 35वीं वाहिनी पीएसी सहित 110 स्थानों पर छठ पर्व का पूजन होगा। मानसनगर निवासी कलावती ने बताया कि चार दिन पहले छठ मइया का प्रतीक सुसुबिता बनाकर सफाई की जाती है। मुख्य पर्व के दिन पहले छोटी 29 अक्टूबर को शाम को रसियाव (गुड़ की बनी खीर) के सेवन के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा।
.तो इसलिए मनाई जाती है छठछठ पर्व मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। प्रभुनाथ राय ने बताया कि श्रीराम के लंका विजय के बाद रामराज्य की स्थापना के लिए मां जानकी ने पहली बार उपवास करके भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया था। द्रोपदी ने परिवारीजनों की कुशलता के लिए और समृद्धि की कामना के लिए छठ व्रत रखा था। पुराणों में कहा गया है कि राजा प्रियवद को कोई संतान नहीं थी। पुत्र प्राप्ति यज्ञ और उसके बाद उसके प्राणों की रक्षा के लिए छठ मइया का व्रत रख पूजन किया तो पुत्र कर प्राप्ति हुई। इसी के चलते दीपावली पर्व केे छठें दिन व्रत होता है।