फेफड़े के गंभीर संक्रमण से जूझ रही लोहिया संस्थान की महिला रेजिडेंट डॉक्टर शारदा सुमन को रविवार सुबह फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए हैदराबाद एयलिफ्ट कर दी गई हैं। उन्हें हैदराबाद के कृष्णा इंस्टिट्यूट में फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए ले जाया जा रहा है।
लखनऊ, कोरोना के बाद गंभीर फेफड़े के संक्रमण से जूझ रही लोहिया संस्थान की महिला रेजिडेंट डॉक्टर शारदा सुमन को रविवार सुबह फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए हैदराबाद एयलिफ्ट कर दी गई हैं। उन्हें हैदराबाद के कृष्णा इंस्टिट्यूट में फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए ले जाया जा रहा है। सुबह 11 बजे करीब लोहिया से ग्रीन कोरिडोर बनाकर उन्हें अमौसी एयरपोर्ट भेजा गया। जहां से वो एयरलिफ्ट की गईं।
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने बताया कि डॉ शारदा सुमन के फेफड़े का प्रत्यारोपण कराने के लिए उन्हें हैदराबाद के कृष्णा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के लिए रवाना कर दिया गया है। लोहिया संस्थान से सुबह करीब 11:00 बजे एंबुलेंस के जरिए ग्रीन कोरिडोर बनाकर उन्हें एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया, जहां से उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद एयरलिफ्ट किया जा रहा है।
बता दें कि अप्रैल में कोरोना की पीक के दौरान कोविड ड्यूटी करते महिला रेजिडेंट डा. शारदा सुमन कोरोना संक्रमित हो गई थीं। इसके बाद उनकी प्री-मेच्योर डिलीवरी भी करानी पड़ी थी। नवजात स्वस्थ है, मगर फेफड़े पूरी तरह खराब हो जाने के चलते डा. शारदा लोहिया संस्थान में करीब डेढ़ माह से इकमो मशीन के सपोर्ट पर रखीं गई थी। लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डा. विक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार को सरकार ने स्वीकृत धनराशि का कुछ हिस्सा खाते में भेज दिया है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लोहिया संस्थान की महिला रेजिडेंट के फेफड़े को प्रत्यारोपित कराने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी।
तीन दिन में जारी हुई थी धनराशि : मूलरूप से बिहार की आरा निवासी डा. शारदा सुमन के पति भी बिहार में रेजिडेंट हैं। हाल ही में उनकी शादी भी हुई थी। प्रत्यारोपण में इतनी धनराशि खर्च करने में वह सक्षम नहीं थे। चिकित्सा अधीक्षक डा. विक्रम सिंह ने बताया कि निदेशक डा. सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डा. राजन भटनागर के साथ उन्होंने सीएम से मुलाकात कर डा. शारदा की जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया। इसके बाद तीन दिनों में ही सीएम योगी ने कमेटी बनाकर धनराशि जारी कर दी।