लोहिया इंस्टीट्यूट में भर्ती कैदी के बेटे को सुरक्षा में आए सिपाही ने मारी गोली, थाने में जाकर किया सरेंडर

लखनऊ के लोहिया इंस्टीट्यूट में भर्ती हत्या की सजा काट रहे सीतापुर के कैदी की सुरक्षा में आए सिपाही आशीष मिश्रा ने बुधवार को उसके बेटे प्रवीण सिंह (38) की परिसर में ही गोली मार कर हत्या कर दी। अस्पताल परिसर में गोली की आवाज चलने से अफरा-तफरी मच गई।

 

लखनऊ, लोहिया अस्पताल में भर्ती हत्या की सजा काट रहे सीतापुर के कैदी की सुरक्षा में आए सिपाही आशीष मिश्रा ने बुधवार को उसके बेटे प्रवीण सिंह (38) की परिसर में ही गोली मार कर हत्या कर दी। अस्पताल परिसर में गोली की आवाज चलने से अफरा-तफरी मच गई। वारदात को अंजाम देकर सिपाही भागा और विभूतिखंड थाने में जाकर सरेंडर कर दिया। अस्पताल में हत्या की सूचना पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल की पड़ताल कर भर्ती कैदी से बात की। उन्होंने बताया कि आरोपित सिपाही को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि सिपाही आशीष मिश्रा सीतापुर पुलिस लाइन में तैनात है। सिपाही आशीष बीते 25 मई को सीतापुर जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी विनोद सिंह को लेकर इलाज के लिए लोहिया अस्पताल आया था। विनोद को किडनी की बीमारी है वह मिश्रिख के लखनापुर गांव का रहने वाला है। विनोद की तीमारदारी में उसका बेटा प्रवीण सिंह अस्पताल में रुका था। बुधवार शाम आशीष ने अस्पताल परिसर में ही प्रवीण के सिर में गोली मार कर उसकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर आशीष भागा और सीधे उसने थाने में पहुंचकर सरेंडर कर दिया। थाने में उसने कैदी के बेटे प्रवीण की हत्या करने की बात स्वीकार की। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपित सिपाही आशीष मूल रूप से बदायूं का रहने वाला है। उसने सीतापुर में भी अपना मकान बनवा रखा है।

2016 बैच का है सिपाही, चार साल से पुलिस लाइन में तैनाती: पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि आशीष 2016 बैच का सिपाही है। वर्ष 2017 से वह पुलिस लाइन सीतापुर में तैनात है। सीतापुर एसपी से इस संबंध में बात करके उसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। सिपाही ने अपने बयान में कहा कि उसका दोपहर को प्रवीण से झगड़ा हुआ था। इस कारण उसने प्रवीण का ही तमंचा छीनकर उसे गोली मार दी।

सिपाही बोला प्रवीण से था जान का खतरा, बयानों में विरोधाभास: पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सिपाही का कहना है कि उसे प्रवीण से जान का खतरा था। कई दिनों से उससे अकसर उसका प्रवीण से झगड़ा हो जाया करता था। आरोपित सिपाही ने बताया कि उसे लगता था कि प्रवीण उसकी हत्या कर देगा। इस कारण उसने प्रवीण को मार डाला। कमिश्नर के मुताबिक घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जो भी वास्तविक तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

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