श्रावस्ती में सुबह मंदिर का लाउडस्पीकर न बजने पर ग्रामीण पहुंचे तो पता चला पुजारी वहां नहीं हैं। इसके बाद उनकी तलाश शुरू हुई। बाद में पोखरे में उनका शव बरामद हुआ। उनके चेहरे पर चोट के निशान देख हत्या की आशंका जताई जा रही है।
श्रावस्ती, सोनवा क्षेत्र के गौसपुर गांव के पास स्थित पोखरे से संदिग्ध परिस्थितियों में मंदिर के पुजारी का शव बरामद हुआ। पुजारी के चेहरे पर काफी चोट के निशान थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गौसपुर के पूरब सरकारी पोखरा है। इसी के पास मंदिर स्थित है। बाग भी लगा हुआ है। इस मंदिर पर गौसपुर गांव निवासी ध्रुव कुमार करीब 20 वर्ष से रह कर पुजारी का कार्य करते थे। इनके साथ बाराबंकी जिले के बल्दोसराय क्षेत्र के मदारपुर निवासी रामबक्श दास भी लगभग छह वर्षों से रहकर पूजा-पाठ करते थे।
सोमवार सुबह मंदिर का लाउडस्पीकर नहीं बजा तो गांव के लोग मंदिर पर आए। यहां पुजारी गायब थे। सहयोगी रामबक्श दास ग्रामीणों को सोते हुए मिले। लोगों ने पुजारी की तलाश शुरू की। काफी खोजबीन के बाद भी उनका सुराग न लगने पर पोखरे में घुसकर खंगालना शुरू किया। गहरे पानी में उनका शव पड़ा देखा गया। ग्रामीणों ने पोखरे से शव को बाहर निकलवाया। चेहरे पर चोट के निशान देख हत्या कर शव पोखरे में फेंके जाने की आशंका हुई। सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए। प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस मामले में अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
तहरीर का इंतजार कर रही पुलिस : पुजारी के शव की स्थिति स्पष्ट रूप से हत्या की ओर इशारा कर रही है। इसके बावजूद पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर मिलने का इंतजार कर रही है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मृतक पुजारी की 65 वर्षीय मां रामदेई अकेली रहती है। एक बहन अंजनी देवी भी थी। इसका विवाह हो चुका है