श्रीलंका की मदद के लिए आगे आये भारत और जापान

श्रीलंका की स्थिति पर भी चर्चा की और पुष्टि की कि वे मौजूदा आर्थिक संकट और देश में मानवीय स्थिति में गिरावट को कम करने में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। आर्थिक सहायता रसोई गैस बड़ी मात्रा में ईंधन और औषधीय आपूर्ति के जहाज

 

कोलंबो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा ने श्रीलंका में संकट को दूर करने के लिए हाथ मिलाया है। कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार, शक्तिशाली क्षेत्रीय समूह, चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता Quadrilateral Security Dialogue (QSD) की बैठक से इतर 24 मई को हुई बैठक के बाद दोनों देश इस समझौते पर पहुंचे है। जापानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, उन्होंने श्रीलंका की स्थिति पर भी चर्चा की और पुष्टि की कि वे मौजूदा आर्थिक संकट और देश में मानवीय स्थिति में गिरावट को कम करने में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फुमियो किशिदा ने जाहिर की सहमति

दोनों नेताओं ने बैठक में सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि कठिन अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बीच मौजूदा परिस्थितियों के कारण समान विचारधारा वाले देशों के लिए स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को और अधिक बढ़ावा देने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। क्वाड लीडर्स मीटिंग के परिणाम के आधार पर, दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र के देशों को ठोस लाभ देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को लगातार बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की है। कोलंबो गजट के अनुसार, क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप के परिणाम के रूप में जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (JBIC) और भारतीय निर्यात-आयात बैंक के बीच 100 मिलियन अमरीकी डालर की ऋण सुविधा पर दोनों नेताओं ने हस्ताक्षर करने का स्वागत किया है।

श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में भारत की भूमिका

इस समझौते से पहले भी भारत, श्रीलंका को उसके आर्थिक संकट से उबारने में मदद कर रहा था। भारत ने आर्थिक सहायता, रसोई गैस, बड़ी मात्रा में ईंधन और औषधीय आपूर्ति के जहाजों के साथ-साथ धन-संकट वाली श्रीलंकाई सरकार को बचाने के लिए कई अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता भेजी है।

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मानवीय और मौद्रिक सहायता के अलावा, भारत ने बौद्ध धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए श्रीलंका सरकार को 15 मिलियन अमरीकी डालर भी दिए हैं। भारत ने इस साल जनवरी से ऋणों, क्रेडिट लाइनों और क्रेडिट स्वैप में ऋणग्रस्त श्रीलंका को 3 बिलियन USD से अधिक की सहायता प्रदान की है,जो भारत और श्री लंका के बेहतर संबंधों को दिखता है।

राजनीति बना आर्थिक संकट का कारण

 

श्रीलंका में परिवारवाद की राजनीति ने ना सिर्फ राजनीतिक संकट पैदा कर दिया बल्कि आर्थिक संकट को भी जन्म दें दिया। जिसके कारण देश में राजनीतिक सुधार और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के लिए व्यापक विरोध प्रदर्शन होने लगे थे। 1 अप्रैल को, राष्ट्रपति राजपक्षे ने आपातकाल की स्थिति लागू कर दी, इसे पांच दिन बाद हटा भी दिया गया। जिसके बाद राजनितिक उथल-पुथल के कारण देश की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई।

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