एक मछुआरे के रिहाई की कीमत दो करोड़ रुपये सुनकर कोई भी चकित हो सकता है। दरअसल श्रीलंका की एक अदालत ने हर भारतीय मछुआरे के आजादी की कीमत दो करोड़ रुपये तय की है। अभी उनके कब्जे में 85 भारतीय नौकाएं हैं।
चेन्नई, तमिलनाडु में रामनाथपुरम के मछुआरे श्रीलंका के एक कोर्ट की ओर से तय की गई जमानत राशि से हैरान हैं। दरअसल कोर्ट ने प्रत्येक भारतीय मछुआरे की रिहाई के लिए जमानत राशि दो करोड़ रुपये निर्धारित की है। आल मैकेनाइज्ड बोट एसोसिएशन के एक शीर्ष सदस्य ने यह जानकारी दी। श्रीलंकाई नौसेना ने गत 23 मार्च को 13 भारतीय मछुआरों को अपने देश की जल सीमा में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
आल मैकेनाइज्ड बोट एसोसिएशन के अध्यक्ष पी. जेसुराज ने कहा, ‘यह सुनकर हम चकित हैं कि कोर्ट ने प्रत्येक मछुआरे के लिए दो करोड़ रुपये की राशि तय की है। मछुआरे दो करोड़ रुपये का प्रबंध कहां से करेंगे? यदि इतनी बड़ी राशि उनके पास होती तो वे क्यों इस पेशे में आते।’ जेसुराज के अनुसार, 85 भारतीय नौकाएं अब भी श्रीलंका के कब्जे में हैं। अभिनेता कमल हासन की पार्टी मक्काल निधि मैआम ने भी एक संदेश में हैरानी जताई कि श्रीलंकाई कोर्ट ने गरीब मछुआरों की रिहाई के लिए कैसे जमानत के रूप में दो करोड़ रुपये की राशि तय की है।
बता दें कि इस मामले पर श्रीलंका सरकार के साथ भारतीय विदेश मंत्रालय एवं मत्स्य मंत्रालय के बीच ‘टू प्लस टू स्तर’ पर संवाद तंत्र बनाया जा चुका है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच संयुक्त कार्य समूह भी है। भारत सरकार मछुआरों को राजनयिक, कानूनी एवं अन्य तरह की सहायता प्रदान करती है।
पिछले माह भारत सरकार ने कहा था कि वह तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना द्वारा हिरासत में लेने के विषय को पड़ोसी देश के साथ सर्वोच्च स्तर पर उठाती रही है। बता दें कि इस मामले पर दोनों देशों के बीच संयुक्त कार्य समूह की बैठक भी हुई थी।
लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। सांसदों ने कहा था कि श्रीलंकाई नौसेना समुद्री क्षेत्र में तमिलनाडु के मछुआरों को लगातार परेशान कर रही है और पिछले वर्षों में काफी संख्या में मछुआरों को हिरासत में लिया गया और उनकी नौकाएं जब्त कर ली गईं। विदेश राज्य मंत्री ने इस विषय पर कहा था कि भारत सरकार अपने नागरिकों के हितों का पूरा ध्यान रखती है, चाहे छात्र हों, श्रमिक हों या कोई भी भारतीय नागरिक।भारतीय मछुआरों के विषय को श्रीलंका की सरकार के साथ उच्चतम स्तर पर उठाया गया है। इसके परिणामस्वरूप काफी संख्या में मछुआरों की रिहाई हुई और उन्हें वापस लाया गया। मुरलीधरन ने यह भी बताया था कि श्रीलंका की हिरासत में बंद मछुआरों को मुक्त कराने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह विषय गंभीर चिंता और अत्यधिक महत्व का है।