सरसों, चना, मेथी या बथुआ सभी का साग जबरदस्त फायदों से है भरा, जानें किसमें हैं कितने गुण

कई लोग हरी-साग सब्जियां तभी खाते हैं, जब वो किसी बीमारी से गुजर रहे होते हैं या फिर उन्हें वजन कम करना होता है लेकिन साग का सेवन हमेशा आपके लिए अच्छा होता है। आज हम आपको अलग-अलग तरह के साग खाने के फायदे बता रहे हैं-

सरसों का साग
सरसों का साग खाने में तो बहुत स्वादिष्ट होता ही है इसके साथ ही सर्दियों में इसका सेवन करने से हमारी सेहत भी अच्छी रहती है। सरसों के साग में कैलोरी, फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, पोटेशियम, विटामिन ए, सी, डी, बी 12, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है।
यह एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी के कारण न सिर्फ शरीर से विषैले पदार्थो को दूर करते हैं बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

चने का साग
चने का साग खाने में पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। चने के साग में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन पाये जाते हैं। यह कब्ज, डायबिटिज, पीलिया आदि रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। चने का साग हमारे शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति करता है।

 

बथुए का साग
बथुआ कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें बहुत से विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम पाए जाते है।  बथुआ नियमित खाने से गुर्दे में पथरी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।

चौलाई का साग
चौलाई में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनिरल और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। चौलाई रोजाना खाने से शरीर में होने वाले विटामिन की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। यह कफ और पित्त का नाश करती है जिससे रक्त विकार दूर होते हैं।

 

मेथी का साग
सर्दी का मौसम आते ही सब्जी  बाजार में मेथी खूब दिखने लगती है। मेथी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, नियासिन, पोटेशियम, आयरन मौजूद होता हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर आदि भी मिलते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। मेथी पेट के लिए काफी अच्छी होती है। साथ ही यह हाई बीपी, डायबिटीज, अपच आदि बीमारियों में मेथी का उपयोग लाभकारी होता है।

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