श्रीलंका में दवाओं की कमी से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इसकी वजह से सर्जरी भी नहीं हो पा रही है। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने हालाज का जायजा लिया है और अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए हैं।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। श्रीलंका की आर्थिक बदहाली का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले ही आर्थिक बदहाली की वजह से खाद्य पदार्थों की कमी से जूझ रहे इस देश में अब जरूरी दवाओं की कमी से हाहाकार मचा है। अस्पतालों में मौजूद मरीजों की सांसों पर ये संकट के बादल मंडराने जैसा है। ये कितना गंभीर संकेट है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश के स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवीला को हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलानी पड़ी है। इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो हर रोज इसकी समीक्षा करें और उन्हें जानकारी दें।
राजनीतिक रूप से भी स्थिर नहीं श्रीलंकाश्रीलंका केवल आर्थिक रूप से ही बदहाल नहीं है बल्कि राजनीतिक रूप से भी वो खुद को मजबूत नहीं कर पाया है। देश में अब भी अशांति का माहौल है। श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक उनके पास चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी करीब 150 आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत है। इनमें सबसे अधिक जरूरी दवाएं हैं। अधिकारियों की मानें तो दवाओं की कमी की वजह से सर्जरी जैसी काम को भी रोकना पड़ रहा है, जिससे मरीजों की जान पर संकट बना हुआ है। जिन दवाओं की कमी है वो वे दवाएं हैं जिनको आपरेशन के बाद दिया जाता है।
भारत से मदद की गुहारसरकार और चिकित्सक संघों को हर तरफ से इसको लेकर शिकायतें सुनने में आ रही हैं। इसको देखते हुए श्रीलंका ने भारत से दवाओं की खरीद के लिए 25 करोड़ डालर की उपलब्धता में तेजी लाने का आग्रह किया है। श्रीलंका ने इस मुश्किल घड़ी में दूसरे देशों से भी मदद मांगी है। वहीं, श्रीलंका की सरकार अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष से सहायता की बाट भी जो रहा है। इससे मिलने वाली राशि को भी खाद्य और ईंधन आयात के भुगतान के लिए खर्च किया जाएगा।