सीएम चन्नी के भाई डा. मनोहर के बगावती तेवर, कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डा. मनोहर सिंह बस्सी पठानां से टिकट न मिलने के कारण नाराज हैं। मनोहर सिंह ने आज इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

 

बस्सी पठानां (फतेहगढ़ साहिब)। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 86 प्रत्याशियों की नामों का एलान कर दिया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डा. मनोहर सिंह बस्सी पठानां से टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने यहां से गुरप्रीत सिंह जीपी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। इस पर चन्नी के भाई ने बगावती तेवर अपना दिए हैं। डा.  मनोहर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने पिछले महीने बस्सी पठानां सीट से चुनाव लड़ने के लिए एसएमओ के पद से इस्तीफा दे दिया था।

एसएमओ के पद से इस्तीफा देने के बाद डा. मनोहर ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। वह फील्ड में सक्रिय भी हो गए थे। हालांकि उन्होंने बातचीत में कहा था कि सीएम का छोटा भाई होने के कारण पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी, लेकिन पार्टी सर्वे भी करवा रही है। सर्वे में अगर पार्टी को लगेगा तो उन्हें टिकट मिल जाएगा। इस बार पार्टी ने अपने ज्यादा विधायकों के टिकट नहीं काटे हैं।

डा. मनोहर सिंह मोहाली के खरड़ सिविल अस्पताल में बतौर सीनियर मेडिकल आफिसर (एसएमओ) तैनात थे।अगस्त 2021 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बस्सी पठानां विधानसभा हलका एससी वर्ग के लिए रिजर्व है। गत माह एक साक्षात्कार में डा. मनोहर सिंह ने कहा था कि कोविड के दौरान उनकी पोस्टिंग नंदपुर कलौर प्राइमरी हेल्थ सेंटर में थी। उनका कहा था कि इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में बहुत काम किया, लेकिन वहां के विधायक जीपी ने उनका तबादला करवा दिया। तब तक क्षेत्र के लोग पूरी तरह से उनसे साथ जुड़ने लगे थे।

मनोहर का कहना था कि चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने तभी सोच लिया था।  मनोहर सिंह ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में मास्टर्स हैं और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के लॉ ग्रेजुएट भी हैं। वह पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और महासचिव भी रह चुके हैं।

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