सीतापुर में सनसनीखेज वारदात, जिस चाचा ने जेल से छुड़वाया उसी को भतीजे ने गोली से उड़ाया

चाचा ने भतीजे को जेल से छुड़ाने के लिए मदद की और पैसा खर्च किया उसी भतीजे ने अपने चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी। अहेवा में रहने वाले मनमा उर्फ सुरेश मिश्रा का अपने भतीजे प्रेम पुत्र जगदंबा पर करीब डेढ़ लाख रुपये का लेनदेन था।

 

सीतापुर, रुपयों के लेनदेन में भतीजे ने सगे चाचा को गोली मार दी। गांव के बाहर खेत के पास हुई वारदात में चाचा की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस जांच में जुटी है। मामला सदरपुर के अहेवा गांव का है। प्रथमदृष्टया यह बात प्रकाश में आई है कि जिस चाचा ने भतीजे को जेल से छुड़ाने के लिए मदद की और पैसा खर्च किया, उसी भतीजे ने अपने चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी। अहेवा में रहने वाले मनमा उर्फ सुरेश मिश्रा पुत्र छोटेलाल का अपने ही सगे भतीजे प्रेम पुत्र जगदंबा पर करीब डेढ़ लाख रुपये का लेनदेन था। बताया जा रहा है कि भतीजा प्रेम बीते वर्ष किसी मामले में जेल गया था। भतीजे को जेल से रिहा कराने में चाचा मनमा ने करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च किए थे। जेल से रिहा होने के बाद चाचा मनमा भतीजे से रुपयों की मांग कर रहे थे। भतीजा, रुपये देने में टाल-मटोल कर रहा था, इसी बात को लेकर विवाद था। लेनदेन के इसी विवाद में शुक्रवार दोपहर प्रेम ने गांव के पूरब खेत के पास चाचा को गोली मार दी।

प्रेम ने कुछ दिन पहले बेचा था खेत : बताया जा रहा है कि भतीजे प्रेम ने कुछ दिन पहले अपना खेत बेचा था। खेत बेचने के बाद चाचा ने रुपये देने का दबाव बनाना शुरू किया था। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया और प्रेम ने चाचा को गोली मार दी।

कनपटी से सटाकर मारी गोली : रुपयों के विवाद ने प्रेम ने चाचा मनमा की कनपटी से सटाकर गोली मारी। गोली लगते ही उसकी मौत हो गई। चाचा को गोली मारने के बाद भतीजा फरार हो गया। वहीं दिनदहाड़े हुई वारदात से गांव में सनसनी फैल गई। आसपास गांवों के ग्रामीण भी घटनास्थल पर पहुंचे। हत्या की सूचना पर सदरपुर व महमूदाबाद पुलिस व सीओ मौके पर पहुंचे। दिनदहाड़े हुई हत्या की इस वारदात में पुलिस का पक्ष नहीं मिल सका। थानाध्यक्ष सदरपुुर व सीओ महमूदाबाद से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।

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