सुलतानपुर पुलिस ने हरदोई से बरामद किया दुष्कर्म पीड़िता का बच्चा, चार आरोपित गिरफ्तार

सुलतापुर में चाइल्ड लाइन कर्मियों द्वारा बेचे गए बच्चे को गोसाईंगंज पुलिस ने हरदोई से बरामद कर चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान विजय विद्रोही तारा शुक्ला कृपाशंकर गुप्ता व रेनू गुप्ता के रूप में की गई है।

 

सुलतानपुर, सुलतापुर में चाइल्ड लाइन कर्मियों द्वारा बेचे गए बच्चे को गोसाईंगंज पुलिस ने हरदोई से बरामद कर चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान विजय विद्रोही, तारा शुक्ला, कृपाशंकर गुप्ता व रेनू गुप्ता के रूप में की गई है। मूलरूप से हरदोई के रहने वाले कृपाशंकर व रेनू पति-पत्नी हैं। इन्हीं ने चाइल्ड लाइन कर्मियों से बच्चा खरीदा था। राजफाश करने वाली पुलिस टीम को एसपी डा. विपिन कुमार मिश्र ने 25 हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है।

घटनाक्रम के अनुसार गोसाईंगंज के एक गांव की रहने वाली किशोरी को मंजीत नामक युवक भगा ले गया था। शादी का झांसा देकर मंजीत ने उसके साथ दुष्कर्म कर दिया, जिससे वह गर्भवती हो गई। शादी से मुकरने पर आरोपित 19 मार्च को पीड़िता को रेलवे स्टेशन सुलतानपुर के पास के छोड़ कर फरार हो गया था। रेलवे पुलिस ने किशोरी को लावारिस बरामद कर मामले को बाल कल्याण समिति को सौंपा। इसके बाद दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपित मंजीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़िता को सीडब्ल्यूसी ने चाइल्ड लाइन के हवाले कर सुरक्षित प्रसव कराने का निर्देश दिया। इसी दौरान चाइल्ड लाइन के विजय विद्रोही के साथ काम करने वाले कृपाशंकर ने बताया कि उसकी पत्नी रेनू गुप्ता को बच्चा नहीं हो रहा है। इस पर विजय विद्रोही से वह रुपया देकर बच्चे को खरीदने के लिए तैयार हो गया।

साकेत अस्पताल में प्रसव कराए जाने के बाद बच्चे को कृपाशंकर के हवाले कर दिया गया। इधर सीडब्ल्यूसी के सामने पीड़िता ने बताया कि उसके बच्चे को किसी ने चोरी या बेच दिया गया। चाइल्ड लाइन कर्मियों द्वारा बच्चा बेचने की खबर को दैनिक जागरण ने प्रकाशित किया तो पुलिस सतर्क हो गई और एसपी की तरफ से गोसाईंगंज पुलिस व सर्विलांस टीम का गठन कर दिया गया। एक दिसंबर को सीडब्ल्यूसी ने भी पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। 12 दिसंबर को गोसाईंगज ने तारा शुक्ला के खिलाफ अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। तकनीकी सर्विलांस व सीसी कैमरे से मिले रिकार्ड के आधार पर पुलिस बच्चे को हरदोई से बरामद कर लिया है। मुख्य आरोपित विजय विद्रोही पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसकी एक न चली। एसपी ने बताया कि पीड़िता अपने गांव में रह रही है। बच्चे को अभी रेनू गुप्ता के पास ही छोड़ा गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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