सूर्यकुमार यादव ने साउथ अफ्रीका जाने से पहले इस टीम के खिलाफ 152 गेंदों पर ठोक डाले 249 रन, जड़े 5 छक्के व 37 चौके

भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने साउथ अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले अपने क्लब पारसी जिमखाने के लिए शानदार पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 152 गेंदों का सामना किया और 5 छक्के व 37 चौकों के साथ 249 रन की बड़ी पारी खेली।

 

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने गुरुवार 23 दिसंबर को पुलिस आमंत्रण शील्ड के फाइनल मैच में 152 गेंदों पर 249 रन बनाए। उन्होंने अपने क्लब पारसी जिमखाना की तरफ से प्यादे एससी के खिलाफ खेलते हुए 5 छक्के व 37 चौकों की मदद से ये पारी खेली। उनकी इस पारी के दम पर उनकी टीम पारसी जिमखाना ने खेल के पहले दिन 9 विकेट के नुकसान पर 524 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। 31 साल के सूर्यकुमार यादव ने जिस गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ ये पारी खेली उसमें रायस्टन डायस, प्रदीप साहू, ध्रुमिल मटकर, दीपक शेट्टी, आतिफ अत्तरवाला व अन्य गेंदबाज शामिल थे।

सूर्यकुमार यादव को इस पारी से काफी अत्मविश्वास मिलेगा क्योंकि वो साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज खेलने वहां जाने वाले हैं। अपनी इस पारी के बारे में टाइम्स आफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं लंच के बाद बल्लेबाजी करने आया तब अपना स्वाभाविक खेल खेलने की कोशिश की और गेंदबाजों पर आक्रमण किया। यहां का मैदान भी थोड़ा छोटा था और जब मुझे गैप मिल रहा था मुझे आसानी से बाउंड्री मिल रही थी। मुझे अपने दोहरे शतक के बारे में तब पता चला जब मेरे साथी खिलाड़ियों ने मेरी सराहना की। मेरा मकसद ये था कि हम पहले ही दिन इतने रन बना लें कि विरोधी टीम पहले ही खेल से बाहर हो जाएं।

 

सूर्यकुमार यादव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ जयपुर में भारतीय टीम के लिए मैच जिताऊ पारी खेली थी, लेकिन उसके बाद उनका फार्म थोड़ा नीचे गिर गया। विजय हजारे ट्राफी में भी मुंबई के लिए उनका प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहा था और उन्होंने अपनी टीम के लिए चार मैचों में 14,8,49 और 4 रन की पारी खेली थी। मुंबई इस टूर्नामेंट में पहले ही बाहर हो गई थी। उन्होंने कहा कि मैंने अपना नैचुरल गेम खेलने की कोशिश की, लेकिन रन नहीं बना पाया।  उन्होंने आगे कहा कि मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करना जारी रखूंगा, क्योंकि अगर मैं 10 में से 7-8 पारियों में अच्छा कर रहा हूं, तो मैं दो बार आक्रामक शाट खेलते हुए आउट होने के बारे में इतना गहराई से क्यों सोचूं? क्रीज पर यही तरीका है जिससे मुझे क्लब, मुंबई और भारत के लिए खेलने में मदद मिली है।

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