सोने एवं चांदी की डिमांड भारत में लगभग हर समय रहती है। इसलिए सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर सबकी निगाहें लगी रहती हैं। सोने के दाम में 317 रुपये प्रति 10 ग्राम की टूट देखने को मिली।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सोने एवं चांदी की डिमांड भारत में लगभग हर समय रहती है। इसलिए सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर सबकी निगाहें लगी रहती हैं। सोने-चांदी की कीमत में सोमवार को टूट देखने को मिली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को सोने के दाम में 317 रुपये प्रति 10 ग्राम की टूट देखने को मिली। इससे शहर में सोने का रेट 45,391 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रह गया। इससे पहले सत्र में सोने का रेट 45,708 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था। विश्लेषकों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर सोने की डिमांड में कमी की वजह से भाव में गिरावट देखने को मिली। इसका असर घरेलू सर्राफा बाजार में भी देखने को मिला।
चांदी की हाजिर कीमत
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक चांदी की कीमत में 1,128 रुपये प्रति किलोग्राम की टूट देखने को मिली। इससे शहर में चांदी की कीमत 62,572 रुपये प्रति किलोग्राम पर रह गई। इससे पिछले सत्र में हाजिर बाजार में चांदी की कीमत 63,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही थी।
वैश्विक बाजार में सोने-चांदी का भाव
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का भाव गिरावट के साथ 1,749 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था। इसी तरह चांदी की कीमत भी गिरावट के साथ 23.92 डॉलर प्रति औंस पर चल रही थी।
जानिए इस गिरावट की वजह
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने कहा, ”अमेरिकी जॉब मार्केट की रिपोर्ट के उम्मीद से बेहतर रहने की वजह से शुक्रवार को बिकवाली देखने को मिली थी। यह सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा।”
उन्होंने कहा कि नौकरियों से जुड़े आंकड़ों में सुधार से जल्द आर्थिक रिकवरी की उम्मीद तेज हो गई है।
पटेल ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में तेजी से भी सोने की मांग में कमी देखने को मिली।
मिलवुड केन इंटरनेशनल के फाउंडर और सीईओ निश भट्ट ने कहा, ”सोने की कीमतों में गिरावट का रुख रहा है। आज के कारोबार में इसका लगभग 1% और पिछले दो हफ्तों में मूल्य में लगभग 2,000 रुपये की गिरावट आई है। जारी किया गया नवीनतम यूएस जॉब डेटा अपेक्षा से बेहतर था। इससे अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड को बढ़ावा मिला। डॉलर का मजबूत होना सोने को महंगा बना देता है।”
उन्होंने कहा कि उम्मीद से बेहतर जॉब डेटा ने इस विश्वास को भी प्रोत्साहन दिया कि यूएस फेड उम्मीद से पहले मौद्रिक नीति को कड़ा करना शुरू कर सकता है। उच्च ब्याज दरें सोने में निवेश की अपील को कम करती हैं। साथ ही, अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की उम्मीद अनिश्चितताओं को कम करेगी और इससे निवेशकों की सोने के प्रति रुचि कम होगी।