स्थानीय निकाय चुनाव में मौलाना फजलुर रहमान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के उम्मीदवार की पेशावर में मेयर पद की सीट पर जीत को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को एक बड़ा झटका लगा है।
इस्लामाबाद, खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की लोकप्रियता कम होती दिख रही है। जियो न्यूज ने अनौपचारिक परिणाम का हवाला देते हुए बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव में मौलाना फजलुर रहमान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के उम्मीदवार ने पेशावर में मेयर पद की सीट पर हासिल की थी। इसके बाद पीटीआई को एक बड़ा झटका लगा था।
जियो न्यूज के एक लेख में हुसैन एच जैदी ने कहा कि मेनस्टरीम मीडिया और सोशल नीडिया दोनों पर सरकार के बदलाव को लेकर अलग-अलग तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कई बार गपशप के लिए भी इस तरह की अटकलें लगाई जाती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठी पार्टी की लोकप्रियता कम होने को लेकर अभी कुछ संदेह है। साथ ही उन्होंने आगे यह भी कहा कि देश को कई पुरानी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान के कई कट्टर समर्थक और मीडिया में बैठे बुद्धिजीवी पीएम की क्षमता को लेकर अभी संदेह में हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में लोग बिजली और गैस की बढ़ती दरों, पेट्रोलियम की ऊंची कीमतों और बढ़ती बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। इसी बीच अगले छह महीनों के लिए पाकिस्तान में ज्यादा महंगाई रहने की संभावना जताई गई है। जियो न्यूज ने इकोनामिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) का हवाला देते हुए बताया कि सऊदी अरब की ओर से पाकिस्तान को समर्थन पैकेज देने के बावजूद आने वाले समय में पाकिस्तानी रुपये की कीमत गिरने की संभावना जताई गई है। पाकिस्तानी अखबार ने बताया कि पाकिस्तान ब्यूरो आफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) की ओर से आंकड़े जारी करने के बाद ईआईयू की आकलन रिपोर्ट सामने आई। इसमें ईआईयू ने बताया कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स- महंगाई का एक प्रमुख मार्कर अक्टूबर में साल दर साल 9.2 प्रतिशत तक बढ़ा है।