अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वापसी की उम्मीद कर रही भारतीय जनता पार्टी को तो अब प्रत्याशी भी नहीं मिलेंगे। भारतीय जनता पार्टी अपने 403 उम्मीदवार भी घोषित कर दे तो भी जनाक्रोश के डर से उनके पास प्रत्याशियों की किल्लत रहेगी।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अभियान को धार देने में लगे पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी के ऊपर लगातार हमलावर हैं। लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में सात विधायकों को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाने के बाद अखिलेश यादव के निशाने पर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वापसी की उम्मीद कर रही भारतीय जनता पार्टी को तो अब प्रत्याशी भी नहीं मिलेंगे। भारतीय जनता पार्टी अपने 403 उम्मीदवार भी घोषित कर दे तो भी जनाक्रोश के डर से उनके पास प्रत्याशियों की किल्लत रहेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा तो प्रदेश में चुनाव हारती दिख रही है। अब तो जनता भी भाजपा से त्रस्त होकर इनको एक-एक वोट के लिए तरसा देगी।
अखिलेश यादव ने गृह मंत्री अमित शाह के 90 फीसद लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादे पूरे होने दावे पर सवाल उठाए। कहा कि पन्ना प्रमुख बनाने वाली भाजपा संकल्प पत्र के पन्ने पलटकर देख ले। एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। अखिलेश तंज कसा कि दीवाली पर मुख्यमंत्री अपने आवास की अच्छे से सफाई करा दें, ताकि धुएं के दाग मिट जाएं। और कुछ भी पड़ा न मिल जाए, क्योंकि नई सरकार आ रही है।
साथ ही एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा ज्यादा दिन सत्ता में रुकी तो सरकार को भी आउटसोर्स कर देगी। उन्होंने यह भी दावा दोहराया कि भाजपा के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और समाजवादी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि समाजवादियों का कांग्रेस और भाजपा के बारे में यह ही मानना है कि जो कांग्रेस है वो ही भाजपा है और जो भाजपा है वो ही कांग्रेस है। इन दोनों की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।