कानपुर नगर निगम कार्यकारिणी ने घटते जलस्तर और पानी की बर्बादी को देखते हुए नगर निगम कार्यकारिणी ने अब सबमर्सिबल पर मीटर लगाने का निर्णय लिया है।बता दें कि हर दूसरे घर में सबमर्सिबल पंप रोज हजारो लीटर पानी खींचता है। ऐसे में अब एक हजार लीटर से ज्यादा पानी खर्च करने पर टैक्स देना होगा।
कानपुर, पानी की बर्बादी और भूजल दोहन रोकने के लिए नगर निगम ने कार्यकारिणी बैठक में बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब आपको अपने घर में सबमर्सिबल पंप लगाना है तो इसका लाइसेंस लेना पड़ेगा। इसका खाका तैयार करने के लिए महापौर प्रमिला पांडेय ने अफसरों को निर्देश दिए हैं। शहर में कुल 4.68 लाख मकान हैं और इनमें से करीब 2.50 लाख घरों में सबमर्सिबल पंप लगे हैं। इस तरह लगभग हर दूसरे घर में सबमर्सिबल पंप लगा हुआ है, जिससे भूजल का दोहन किया जाता है। घटते जलस्तर और पानी की बर्बादी को देखते हुए नगर निगम कार्यकारिणी ने अब सबमर्सिबल पर मीटर लगाने का निर्णय लिया है।
महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि भूगर्भ जल की बर्बादी रोकने के लिए हर सबमर्सिबल पंप पर मीटर लगाने की योजना है। एक परिवार में अगर पांच सदस्य हैं तो औसतन करीब एक हजार लीटर पानी की खपत करते हैं। जलकल विभाग के सर्वे के अनुसार, एक व्यक्ति रोज 165 लीटर पानी खर्च करता है। इस तरह, एक हजार लीटर से ऊपर खर्च करने वाले परिवारों से टैक्स वसूला जाएगा।
मुंबई में यह नियम सफल रहा है और इसी तर्ज पर शहर में भी सबमर्सिबल पर मीटर लगाने का खाका तैयार किया जाएगा। सबमर्सिबल का व्यावसायिक प्रयोग करने वालों से अलग टैक्स वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वे के लिए जोनवार टीमें बनाई जाएंगी। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन को कार्ययोजना तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि कार्यकारिणी के आदेश के तहत खाका तैयार कराया जाएगा।
भूगर्भ जल की यह है स्थिति
क्षेत्र वर्ष 2018 वर्ष 2023
आवास विकास कल्याणपुर 14.90 17.05
रतनलाल नगर 32.75 33
जाजमऊ 5.59 7.15
(आंकड़े मीटर में और जलकल विभाग से प्राप्त)
विशेषज्ञ की राय
वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश सिंह चौहान ने बताया कि भूजल दोहन अधिनियम के अनुसार लोकहित में कोई भी व्यक्ति पीने, नहाने, घरेलू जरूरत, सिंचाई और पशुओं को पिलाने के लिए सबमर्सिबल से जल दोहन कर सकता है। घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सबमर्सिबल के लिए नगर निगम क्षेत्रों में महापौर और अन्य जिलों में जिलाधिकारी से लाइसेंस लेना होता है। जरूरत से ज्यादा जल दोहन पर एक साल तक कैद या 20 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है।