प्रयागराज में तीन दिन पूर्व हुए उमेश पाल हत्याकांड की परतें अब धीमें धीमें खुलने लगी हैं। हत्याकांड की साजिश में 12 लोग शामिल थे। वहीं बिहार के मुंगेर से असलहे मंगवाए गए थे। अभीतक इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपित का एनकाउंटर किया गया है।
उमेश का अपहरण कर बंद कमरे में किया था प्रताड़ितपुलिस का कहना है कि राजू पाल की हत्या के बाद उमेश पाल ने अतीक समेत अन्य के खिलाफ पैरवी शुरू की थी। इसके बाद ही 2006 में फांसी इमली के पास से कार सवार लोगो ने उमेश का अपहरण कर लिया गया था और कमरे में बंद करके प्रताड़ित किया गया था। वर्ष 2007 में उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ दिनेश पासी, अंसार और शौकत हनीफ व चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।
अतीक अहमद को सता रहा था सजा का डरउमेश पाल इसी मुकदमे की लगातार पैरवी करते हुए सजा दिलवाने का प्रयास कर रहे थे। घटना के दिन भी इसी मुकदमे को लेकर कचहरी में सुनवाई हुई थी और फिर 27 फरवरी को दोष सिद्ध के बिंदु पर बहस होनी थी। माना जा रहा था कि इस मुकदमे में माफिया अतीक को सजा हो सकती थी, जिसके लिए उमेश की दिनदहाड़े हत्या की गई। यह भी कहा गया है कि साजिश मेंं सदाकत के अलावा गुलाम, पप्पू सहित खुद को अधिवक्ता बताने वाले कई शख्स शामिल थे।