गोरखपुर पुलिस अपराध पीडि़त महिलाओं का पुलिस हौसला बढ़ाएगी। महिला सिपाही घर जाकर हाल-चाल पूछेंगी।एडीजी अखिल कुमार ने जोन के सभी पुलिस कप्तान को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। गोरखपुर जोन के 11 जिले में पिछले 17 माह के भीतर 4809 मामले दर्ज हुए हैं।
गोरखपुर, अपराध पीडि़त महिलाओं का पुलिस हौसला बढ़ाएगी। थाने में तैनात महिला सिपाही घर जाकर हाल-चाल पूछेंगी।एडीजी अखिल कुमार ने जोन के सभी पुलिस कप्तान को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। गोरखपुर जोन के 11 जिले में पिछले 17 माह के भीतर (दुष्कर्म, छेडख़ानी, अपहरण व पाक्सो एक्ट) के 4809 मामले दर्ज हुए हैं।
एडीजी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को दिया निर्देश
एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि उत्पीडऩ की शिकार हुई अधिकांश महिलाएं दोबारा कोई समस्या होने पर पुलिस के पास आने में संकोच करती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए जोन के सभी 11 जिलों के एसएसपी/एसपी को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। पिछले 17 माह में महिला उत्पीडऩ से संबंधित अपराध से पीडि़त सभी मामलों में एक- एक महिला आरक्षी को पीडि़ता के घर हालचाल लेने के लिए भेजा जाएगा। महिला सिपाही पीडि़त से यह जानकारी करने का प्रयास करेगी कि उन्हें फिर से किसी परेशानी का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है।अगर कोई समस्या है तो थाना व चौकी प्रभारी उ’चाधिकारियों को मामले की जानकारी देने के साथ ही समाधान करेंगे।इस पहल से पीडि़त महिलाओं में अपनी सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
दंपती संपर्क पखवाड़ा शुरू, अभियान में जुटीं आशा कार्यकर्ता
दंपती संपर्क पखवाड़ा रविवार को शुरू हो गया। आशा कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्र के दंपतियों से संपर्क कर उन्हें परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया। 11 से 31 जुलाई तक विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम होगी- ‘आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’। जिनका प्रसव जुलाई में होना है, उन गर्भवती को आशा कार्यकर्ता अभी से प्रेरित व जागरूक करेंगी। साथ ही दंपतियों को दो माह के लिए गर्भ निरोधक साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और अर्बन हेल्थ पोस्ट के अधिकारियों को जारी पत्र में कहा है कि प्रत्येक आशा पखवाड़े के दौरान दंपतियों को गर्भ निरोधक साधन उपलब्ध कराएं। साथ ही कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा है कि नसबंदी की सेवा कोविड एंटीजन टेस्ट के बाद ही दी जाए। यह भी बताया गया है कि प्रत्येक वर्ष की भांति महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, अंतरा, छाया आदि बांटने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले ब्लाक को पुरस्कृत किया जाएगा
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) डा. नंद कुमार ने बताया कि पखवाड़े के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) और पापुलेशन इंटरनेशनल सर्विसेज (पीएसआइ) – द चैलेंज इनीशिएटिव आफ हेल्दी सिटीज (टीसीआइएचसी) संस्था तकनीकी सहयोग कर रही हैं। पखवाड़े में आशा कार्यकर्ता की भूमिका अहम है। जिले में करीब साढ़े तीन हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता हैं, जो इस अभियान को सफल बनाएंगी। सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्वास्थ्य इकाई पर परिवार नियोजन के साधनों की कोई कमी न हो।