अफगानिस्‍तान में कल होगा तालिबान सरकार का गठन, काबुल पहुंचे तालिबानी नेता, बरादर के हाथ होगी कमान,

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान शासन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस बीच नई सरकार के गठन को लेकर तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा कि शनिवार को सरकार का गठन होगा। यह अनुमान लगाया गया था कि तालिबान कभी भी सरकार के गठन का एलान कर सकता है।

 

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान शासन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस बीच नई सरकार के गठन को लेकर तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा कि शनिवार को सरकार का गठन होगा। यह अनुमान लगाया गया था कि तालिबान कभी भी सरकार के गठन का एलान कर सकता है। तालिबान राज का नेतृत्व संगठन का सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर करेगा। वह दोहा स्थित तालिबान के सियासी दफ्तर का प्रमुख भी है। तालिबान के सभी शीर्ष नेता राजधानी काबुल पहुंच गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन है अब्दुल गनी बरादर। क्‍या है पाकिस्‍तान से उसका लिंक।

कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर

  • तालिबान के तीन करीबी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नई अफगान सरकार का नेतृत्व बरादर करेगा और इस बारे में घोषणा जल्द की जाएगी। तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर का पुत्र मुल्ला याकूब और शेर मुहम्मद अब्बास स्तानिकजई भी सरकार में वरिष्ठ पदों पर आसिन होगा। शेर मुहम्मद तालिबान के सियासी दफ्तर का उपनेता है।
  • 1968 में अफगानिस्तान के उरुजगान प्रांत में जन्मा बरादर तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का साला है। बरादर ने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 1992 में रूसी सेना को खदेड़ने के बाद अफगानिस्तान देश के प्रतिद्वंद्वी सरदारों के बीच गृहयुद्ध में घिर गया था।
  • बरादर ने अपने पूर्व कमांडर मुल्ला उमर के साथ कंधार में एक मदरसा स्थापित किया था। इसके बाद मुल्ला उमर और मुल्ला बरादर ने तालिबान की स्थापना की थी। 9/11 हमलों के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर धावा बोला तब तालिबान के सभी बड़े नेताओं को पाकिस्तान में पनाह मिली थी।
  • इन नेताओं में मुल्ला उमर और अब्दुल गनी बरादर भी शामिल थे। बताया जाता है कि बरादर को पाकिस्तान ने फरवरी 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार किया था। हालांकि, इसका खुलासा करीब एक हफ्ते बाद किया गया था। इसके बाद बरादर को अक्टूबर 2018 तक पाकिस्तान की जेल में रखा गया और बाद में अमेरिका के अनुरोध पर उसे छोड़ दिया गया।

 

संगठन के सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंचे

उधर, एक अन्य सूत्र ने बताया कि तालिबान का सर्वोच्च नेता मुल्ला हिबातुल्ला अखुंदजादा धार्मिक मामलों और इस्लाम के दायरे में शासन के कामकाज की देखरेख करेगा। इससे पहले यह खबर आई थी कि अखुंदजादा सरकार का मुखिया होगा। तालिबान के एक अधिकारी ने कहा, ‘संगठन के सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच गए हैं। नई सरकार के गठन के लिए तैयारी अंतिम चरण में है।’ बता दें कि अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने गत 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। तभी से नई सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है।

 

सरकार में होंगे 25 मंत्री

तालिबान सूत्रों के अनुसार, संगठन के सदस्यों के साथ ही नई सरकार का गठन किया जाएगा। सरकार में 25 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा, जिसमें 12 मौलवी होंगे। उन्होंने बताया कि कैबिनेट का जल्द गठन होगा, लेकिन इस बारे में अभी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं है।

 

वेस्टर्न यूनियन और मनीग्राम की सेवाएं बहाल

समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, वेस्टर्न यूनियन और मनीग्राम इंटरनेशनल इंक ने अफगानिस्तान में गुरुवार से अपनी सेवाएं बहाल कर दी हैं। मनी ट्रांसफर सेवाएं बहाल होने से नकदी की कमी का सामना कर रहे इस देश में विदेशी धन के प्रवाह का रास्ता खुल गया है। वित्तीय क्षेत्र की इन दिग्गज अमेरिकी कंपनियों ने तालिबान के कब्जे के बाद अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं।

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