अमेरिकी सीनेट की विदेशी संबंधों की समिति ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर श्रीलंका में भारत द्वारा दी जा रही मदद की प्रशंसा की है। समिति ने द्वीपीय देश में आर्थिक संकट दूर करने के लिए क्वाड देशों से श्रीलंका की मदद करने का आह्वान किया।
कोलंबो, प्रेट्र। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आइएमएफ से एक बार वार्ता पूरी हो जाने के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अमेरिकी निवेश को बढ़ावा देने को लेकर आश्वस्त किया है। ब्लिंकन ने यह आश्वासन द्वीपीय देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति और राजनीतिक चुनौती को लेकर श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से सोमवार को फोन पर हुई चर्चा के दौरान दिया। विक्रमसिंघे ने ब्लिंकन से आइएमएफ से वार्ता की प्रगति को लेकर वर्तमान स्थिति की व्याख्या की। उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका, अमेरिका से इस मामले में पूरे सहयोग की अपेक्षा करता है।
अमेरिका ने निवेश को लेकर दिया समर्थन का भरोसा
विक्रमसिंघे ने ट्वीट कर फोन पर हुई बातचीत की जानकारी साझा करते हुए कहा, हमारी वार्ता बहुत ही सुखद रही, अमेरिका ने निवेश को लेकर समर्थन का भरोसा दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भी दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा की जानकारी दी। एएनआइ के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने श्रीलंका को आश्वस्त किया कि संकट के इस दौर में अमेरिका लोकतांत्रिक सरकार और मानवाधिकार समेत हर तरह की मदद को तैयार है। श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अब तक के सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका और आइएमएफ के बीच बीते 18 अप्रैल को वार्ता शुरू हुई थी।
सीनेट की समिति ने की भारत की प्रशंसा
आइएएनएस के मुताबिक, अमेरिकी सीनेट की विदेशी संबंधों की समिति ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर श्रीलंका में भारत द्वारा दी जा रही मदद की प्रशंसा की है। समिति ने द्वीपीय देश में आर्थिक संकट दूर करने के लिए क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलाग (क्वाड) के देशों यानी भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया जापान से श्रीलंका की मदद करने का आह्वान किया है।
श्रीलंका ने कंपनियों पर लगाया 2.5 प्रतिशत सामाजिक योगदान कर
प्रेट्र के अनुसार, श्रीलंका कैबिनेट ने आर्थिक संकट से उबरने के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इनमें कंपनियों पर उनके टर्नओवर के आधार पर 2.5 प्रतिशत सामाजिक योगदान कर, अधिकतर सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए शुक्रवार को अवकाश शामिल हैं। कैबिनेट का मानना है कि इससे आर्थिक क्षतिपूर्ति, ऊर्जा व खाद्यान्न संकट से उबरने में मदद मिलेगी।