अफगानिस्तान में हिंसा की लगातार बढ़ रही वारदातों में जनता के भी शिकार होने के बाद अब अमेरिका के तेवर सख्त हुए हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि उसकी अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्धता है और वे इस देश से दूर नहीं जा रहे हैं।
काबुल, अफगानिस्तान में हिंसा की लगातार बढ़ रही वारदातों में जनता के भी शिकार होने के बाद अब अमेरिका के तेवर सख्त हुए हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि उसकी अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्धता है और वे इस देश से दूर नहीं जा रहे हैं। नाटो ने भी ऐसा ही आश्वासन दिया है।
अफगानिस्तान में सैन्य मिशन समाप्त
पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने संवाददाताओं से वार्ता करते हुए परोक्ष रूप से तालिबान व अन्य आतंकी संगठनों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में सैन्य मिशन समाप्त हो गया है, इसलिए हम अपने सैनिक हटा रहे हैं। इसका यह कतई मतलब नहीं है कि हम इस क्षेत्र से दूर जा रहे हैं। हम अभी भी मध्य-पूर्व क्षेत्र में मजबूत स्थिति में उपस्थित हैं।
अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा नाटो
नाटो महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो अफगानिस्तान के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा। उसका शांति के प्रयासों में योगदान जारी रहेगा।
इस साल 3500 से ज्यादा हमले
अफगानिस्तान के ताजा हालात चिंताजनक हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के अनुसार तालिबान ने इस साल 3500 से ज्यादा हमले किए हैं। पिछले हफ्तों से बघलान, हेलमंद, कुंदुज, कंधार और लघमन सहित कई प्रांतों में भीषण संघर्ष चल रहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने कही यह बात
इधर अमेरिका के शीर्ष राजनयिक जेफरी डेलारंटिस ने भी संयुक्त राष्ट्र में कहा कि तालिबान को नागरिक क्षेत्रों में हमलों को तुरंत रोकना चाहिए। फिलहाल ये हमले अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालयों और मस्जिदों के आसपास हो रहे हैं। ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है।
पाक के लिए ही भारी पड़ने लगे आतंकी
पाकिस्तान ने जिन आतंकवादियों को संरक्षण देकर अफगानिस्तान को हिंसा की आग में धकेला, अब वही आंतकवादी सीमा पर उसी के सुरक्षा बल सदस्यों को मार रहे हैं। अफगानिस्तान की सीमा से उसकी सेना पर हो रही लगातार फायरिंग पर पाक सेना ने चिंता जताई है। इस संबंध में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। अब तक पाक सुरक्षा बल के पांच सदस्य आतंकियों की गोलीबारी का शिकार हो चुके हैं।