सरयू नदी की तेज धारा में बहे लोगों की तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस तथा पीएसी के गोताखोरों के साथ एनडीआरएफ की टीम भी लगी है। शनिवार को प्रियांशी का भी शव मिला है।
अयोध्या, रामनगरी अयोध्या में सरयू नदी के गुप्तार घाट पर स्नान के दौरान शुक्रवार को आगरा के एक परिवार के 12 सदस्यों के बहने के हादसे में मृतकों की संख्या अब सात पहुंच गई है। शुक्रवार को बहे 12 में से तीन लोगों को बचाया गया था जबकि देर शाम तक छह लोगों के शव नदी में मिले थे। शनिवार को भी एक महिला का शव मिला है।
सरयू नदी की तेज धारा में बहे लोगों की तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस तथा पीएसी के गोताखोरों के साथ एनडीआरएफ की टीम भी लगी है। शनिवार को प्रियांशी का भी शव मिला है। एनडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल से लगभग 2 किलोमीटर दूर बाटी चोखा बाबा आश्रम के पास से प्रियांशी का शव बरामद किया है। अभी भी लापता दो लोगों की तलाश जारी है। यहां पर एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें पुलिस के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन मे लगी हैं। डिप्टी कमांडेंड एनडीआरएफ नीरज कुमार ने बताया कि हमारी दो टीमें यहां सर्च और बचाव अभियान में लगी हुई हैं। अभी तक सात शव निकाले गए हैं। दो की तलाश जारी है।
गौरतलब है कि सरयू नदी में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया। आगरा से रामनगरी दर्शन के लिए आए एक ही परिवार के 12 सदस्य नदी में डूब गए। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग लापता थे। तीन डूबने वालों को बचा लिया गया, जिनमें एक सात साल की बच्ची भी शामिल है। डीएम अनुज झा ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए एसएसपी शैलेश पांडेय के नेतृत्व में जल पुलिस लगातार रेस्क्यू कर रही है। यह हादसा पौराणिक स्थल गुप्तारघाट के करीब हुआ। हादसे की सूचना पाकर आइजी रेंज डॉ. संजीव गुप्त, डीआइजी पीएसी अनिल कुमार व जिलाधिकारी अनुज झा सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंच कर अपनी निगरानी में रेस्क्यू अभियान चलाया।
आगरा के सिकंदरा की शास्त्रीपुरम कालोनी के एक-ब्लॉक निवासी अशोक कुमार अपने परिवार के 15 सदस्यों के साथ रामनगरी दर्शन के लिए आए थे। शुक्रवार को जब वे गुप्तारघाट पहुंचे तो तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश धीमी होने के दौरान महिलाएं घाट पर हाथ-पांव धुल रही थीं। इसी बीच एक महिला का पांव फिसलने से वह नदी में गिर गईं। उन्हें बचाने के प्रयास में एक-एक कर साथ आए बच्चों सहित 12 लोग नदी में उतर गए। नदी का बहाव तेज होने के कारण सभी लहरों में समाते चले गए। हादसे में अशोक की पत्नी राजकुमारी, पुत्र ललित, पंकज व विवाहित पुत्री श्रुति, सीता और नातिन ²ष्टि की मौत हो गई, जबकि प्रियांशी, जूली व सार्थक लापता थे। नदी में डूबी आरती, बालिका धैर्या व गौरी को बचा लिया गया है। हादसे के वक्त घाट पर मौजूद रहे वृद्ध अशोक कुमार उनके नाती नमन और दामाद सतीश भी बचाने के लिए नदी में उतरे, लेकिन किनारे पर होने की वजह से वह नदी में डूबे नहीं। सतीश का कहना है कि सभी नाव में सवार होकर अयोध्या से गुप्तारघाट पहुंचे थे। वह कुछ दिन यहां ठहरते, लेकिन हादसे से उनका परिवार उजाड़ दिया।