वाटर मेट्रो का संचालन अयोध्या के संत तुलसी दास घाट (कच्चा घाट) से गुप्तार घाट तक किया जाएगा जिसकी दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। दोनों प्वाइंटों पर जेटी की स्थापना लगभग 45 दिन पूर्व ही कर दी गई है। इसी जेटी पर वाटर मेट्रो का चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। जिसके लिए पावर कारपोरेशन से 630 केवी का स्थाई बिजली कनेक्शन लिया गया है।
अयोध्या : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार गुरुवार को केटामरीन बोट ‘वाटर मेट्रो’ अयोध्या पहुंच गई है। लगभग 12 करोड़ रुपये की राशि से इस वाटर मेट्रो का निर्माण केरल के कोचीन शिपयार्ड में किया गया है। वातानुकूलित वाटर मेट्रो में 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है और लगभग इतने ही यात्री इसमें खड़े होकर सरयू नदी में जल पर्यटन का आनंद उठा सकेंगे।
बिजली का लिया गया कनेक्शन
वाटर मेट्रो का संचालन अयोध्या के संत तुलसी दास घाट (कच्चा घाट) से गुप्तार घाट तक किया जाएगा, जिसकी दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। दोनों प्वाइंटों पर जेटी की स्थापना लगभग 45 दिन पूर्व ही कर दी गई है। इसी जेटी पर वाटर मेट्रो का चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। जिसके लिए पावर कारपोरेशन से 630 केवी का स्थाई बिजली कनेक्शन लिया गया है। वाटर मेट्रो को चार्ज होने में 15 से 20 मिनट का समय लगेगा। अयोध्या पहुंचने पर सबसे पहले वाटर मेट्रो को चार्ज का चार्जिंग सिस्टम का परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-40 से वाटर मेट्रो को अयोध्या तक लाने के लिए संगम स्थल डोरीगंज से लगभग 345 किलोमीटर का सफर तय किया गया, जिसकी शुरुआत 15 जनवरी को हुई थी।
मेट्रो को लेकर कोचीन शिपयार्ड, भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) और डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम भी दो अन्य जहाज एसएल रिहंद और एसएल गंडक से अयोध्या पहुंची है। लगभग 35 सदस्यीय दल का नेतृत्व स्वयं आइडब्ल्यूएआइ के निदेशक एलके रजक कर रहे थे। अयोध्या पहुंचते ही अधिकारियों की टीम रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करने निकल गई। दर्शन पूजन करने के बाद निदेशक रजक और उपनिदेशक राकेश कुमार सड़क मार्ग से पटना के लिए रवाना हो गए। वाटर मेट्रो के संचालन के लिए अयोध्या में मौजूद टीम शुक्रवार को अयोध्या के कच्चा घाट से गुप्तारघाट तक जलमार्ग का सर्वे करेगी।
प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग को की जाएगी हैंडओवर
अयोध्या : वाटर मेट्रो का एक नाम एमभी गुह है। आइडब्ल्यूएआइ के निदेशक एलके रजक ने बताया कि इसका संचालन उत्तरप्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग करेगा। सभी तैयारियों को पूर्ण करने के बाद वाटर मेट्रो को हैंडओवर कर दिया जाएगा। पर्यटन विभाग अयोध्या से गुप्तारघाट तक वाटरमेट्रो का संचालन करेगा।