आंसुओं के सैलाब के बीच अनंत यात्रा पर निकले वीरभद्र सिंह, अंतिम संस्कार में उमड़े हजारों लोग,

छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का राजकीय सम्मान के साथ रामपुर के शाही मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। प्रदेश सहित दूसरे राज्यों से पहुंचे हजारों लोगों ने राजा को अंतिम विदाई दी।

 

रामपुर बुशहर,  छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का राजकीय सम्मान के साथ रामपुर के शाही मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। प्रदेश सहित दूसरे राज्यों से पहुंचे हजारों लोगों ने ‘राजा नहीं फकीर था, हिमाचल की तकदीर था, वीरभद्र सिंह अमर रहेÓ जैसे नारे लगाते हुए नम आंखों से राजा को अंतिम विदाई दी।

शनिवार को पहले रामपुर राजमहल में परंपरा अनुसार विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक करने की रस्म निभाई। दोपहर बाद तीन बजे राजमहल से वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा मोक्षधाम के लिए निकली। राजमहल से करीब आधा किलोमीटर दूर मोक्षधाम तक पहुंचने में आधा घंटा लगा। यहां पर भी पहले से ही सैकड़ों लोग मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने मोक्षधाम में पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी। रामपुर के शिंगला और सनेरी गांव से आए 30 पंडितों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न करवाई। विक्रमादित्य सिंह ने 4.20 बजे चिता को मुखाग्नि,

87 वर्षीय वीरभद्र सिंह ने वीरवार सुबह 3.40 बजे शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।

मुख्यमंत्री सहित मंत्री भी हुए शामिल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत्त, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, कौल सिंह ठाकुर व ठाकुर सिंह भरमौरी सहित कई वरिष्ठ नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

राजमहल में प्रतिभा व विक्रमादित्य से मिलकर लौटे कांग्रेसी नेता

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, पवन बंसल, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला शनिवार सुबह रामपुर पहुंचे थे। इसके बाद वे राजमहल में वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, बेटे विक्रमादित्य सहित परिवार के सभी सदस्यों से मिले और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने वीरभद्र सिंह के साथ किए कार्यों को भी परिवार के साथ साझा किया। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए इन नेताओं का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नामित किया था। राजीव शुक्ला पहले से ही शिमला में मौजूद थे, जबकि भूपेश बघेल, आनंद शर्मा व पवन बंसल शुक्रवार शाम को शिमला पहुंचे थे। शनिवार को सुबह हेलीकाप्टर से रामपुर पहुंचे और बाद में दोपहर बाद चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।

जीवनभर पिता के दिखाए रास्ते पर चलूंगा : विक्रमादित्य

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आजीवन पिता के दिखाए रास्ते पर चलूंगा। उन्होंने कहा कि सभी को संसार से एक दिन जाना होता है, लेकिन मेरे पिता का जो अटूट विश्वास देवी देवताओं पर रहा। इसलिए ही उन्होंने हर मंदिर को बेहतर बनवाया। मैं खुद भी जब तक रहूंगा, उनके दिखाए रास्ते पर चलंूगा। इसके अलावा उनकी सोच व नीतियों को पूरे प्रदेश में लागू करने का प्रयास करूंगा। पिता के अंतिम संस्कार के बाद विक्रमादित्य ङ्क्षसह महल को लौटते हुए मीडिया से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने हजारों की संख्या में आए लोगों का आभार व्यक्त किया।

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