छत्तीसगढ़ से चला ऑक्सीजन का टैंकर लखनऊ पहुंच तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से लेकर तमाम नेताओं ने अपनी पार्टी की जय-जयकार के संदेश प्रसारित करने शुरू कर दिए। जबकि दावा किया जा रहा कि दिल्ली की संस्था ने ऑक्सीजन टैंकर भेजा है।
लखनऊ ,, छत्तीसगढ़ से चला ऑक्सीजन का एक टैंकर लखनऊ पहुंच गया। मगर, अचानक यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि यह ऑक्सीजन भेजी किसने? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। पार्टी कह रही है कि महासचिव प्रियंका वाड्रा के अनुरोध पर वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेजी है। वहीं, इसकी आपूर्ति लेने वाले मेदांता अस्पताल से पता चला है कि दिल्ली की किसी स्वयंसेवी संस्था ने टैंकर भेजा है। ऐसे में कोरोना की पहली लहर में प्रवासियों की मदद के नाम पर वाहनों के फर्जीवाड़े का आरोप और मुकदमा झेल रही कांग्रेस के लिए दूसरी लहर में भी ‘अपशकुन’ होता नजर आ रहा है। प्रश्न ये भी है कि अगर हाईकमान ने ‘गुप्त-दान’ किया है तो प्रदेश के नेता इस सहयोग से सियासत के लिए सांसें क्यों बटोरना चाह रहे हैं?
उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से फैला, उसने निश्चित ही संसाधनों की चुनौती खड़ी कर दी। खास तौर पर ऑक्सीजन का भारी संकट खड़ा हो गया। अडानी, अंबानी और टाटा समूह का सामर्थ्य है, इसलिए उनके सहयोग के जिक्र की ज्यादा जरूरत नहीं है।
उत्तर प्रदेश की छोटी-छोटी 90 एमएसएमई इकाइयों ने 285 अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति शुरू कर दी। तमाम संस्थाएं, उद्यमी निश्शुल्क मदद कर रहे हैं, लेकिन प्रचार नहीं। इस बीच तीन दिन से एक संदेश फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर छाया है। वह यह कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत को देखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के अनुरोध पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 16 टन ऑक्सीजन का टैंकर लखनऊ के लिए भेजा है।
बुधवार को यह टैंकर मेदांता अस्पताल पहुंचा तो फिर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से लेकर तमाम नेताओं ने अपनी पार्टी की जय-जयकार के संदेश प्रसारित करने शुरू कर दिए। जब प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों से इस बारे में बात की तो वहां से दावा किया गया कि दिल्ली स्थित एक स्वयंसेवी संस्था ने ऑक्सीजन टैंकर भेजा है। किसी नेता से उनका संपर्क नहीं हुआ। हालांकि, यह भी कहा कि हो सकता है कि एनजीओ के पीछे गोपनीय ढंग से प्रियंका वाड्रा की भूमिका रही हो, तो फिर लखनऊ में नेता श्रेय लेने के लिए बेताब क्यों हैं? उन्हीं का सुझाव भी था कि सहयोग में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
इधर, जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार ने सोमवार को 530 टन और मंगलवार को 630 टन, यानी दो दिन में 1160 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन-चार दिन में ऑक्सीजन टैंकर की संख्या 32 से बढ़ाकर लगभग 80 कर दी। यदि कांग्रेस ने 16 टन ऑक्सीजन भेज भी दी तो इस पर श्रेय नहीं लेना चाहिए। यह संकट का समय है, सभी को नि:स्वार्थ सहयोग करना चाहिए।
…क्योंकि भूपेश बघेल ने ट्वीट किया : कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय का कहना है कि पार्टी को तो तब पता चला कि जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी जानकारी दी। अस्पताल को किसी ने भी ऑक्सीजन भेजी हो, वह जनता की जान बचाने के ही काम आएगी। कांग्रेस ने पहले मदद को कदम बढ़ाया, तब भी सरकार ने उसमें विघ्न डाला, फिर वही प्रयास है। इसका जवाब जनता ही देगी। हो सकता है कि प्रियंका जी ने गोपनीय ढंग से मदद की हो।