सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा सीपीईसी हमारी खास परियोजना है। इसके तहत पाकिस्तान में आधारभूत ढांचा सड़कें बिजलीघर बंदरगाह और औद्योगिक आस्थानों के निर्माण का कार्य हो रहा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग की परियोजना है।
बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने सोमवार को एक बार फिर अपनी सीपीईसी परियोजना को लेकर सफाई दी। कहा कि यह पूरी तरह से आर्थिक परियोजना है। इसका कश्मीर विवाद से कोई वास्ता नहीं है। कश्मीर पर उसका रुख पूर्ववत है। चीन जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला मानता है और उसका निपटारा बातचीत के जरिये किए जाने का पक्षधर है।
चीन के महात्वाकांक्षी बेल्ट और रोड अभियान के अंतर्गत आने वाली परियोजना चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में पाकिस्तान में कई कार्य हो रहे हैं। सीपीईसी के अंतर्गत बना आर्थिक गलियारा चीन के शिनजियांग प्रांत और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के बीच गुलाम कश्मीर से होकर गुजरा है। इसी को लेकर भारत चीन के बेल्ट और रोड अभियान का विरोध कर रहा है और इसमें शामिल नहीं हुआ है।
सीपीईसी से हम अन्य क्षेत्रीय देशों को भी जोड़ेंगे: चीन
सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, सीपीईसी हमारी खास परियोजना है। इसके तहत पाकिस्तान में आधारभूत ढांचा, सड़कें, बिजलीघर, बंदरगाह और औद्योगिक आस्थानों के निर्माण का कार्य हो रहा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग की परियोजना है। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाना है और सभी को विकास में साझीदार बनाना है। सीपीईसी से हम अन्य क्षेत्रीय देशों को भी जोड़ेंगे। इनमें अफगानिस्तान भी शामिल है। इससे केवल पाकिस्तान का तेज आर्थिक विकास ही नहीं होगा, बल्कि प्रभावी क्षेत्रीय संपर्क भी मजबूत होगा। इस परियोजना में पूरे क्षेत्र की संपन्नता निहित है।
प्रवक्ता ने कहा, सीपीईसी का उद्देश्य किसी तीसरे देश के विवाद में शामिल होना नहीं है। सीपीईसी पूरी तरह से एक आर्थिक परियोजना है और इसके चलते हमारा कश्मीर को लेकर रुख नहीं बदलने वाला। चीन कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला ही मानता है। प्रवक्ता ने बताया कि सीपीईसी से अफगानिस्तान को जोड़ने के लिए वार्ता चल रही है और यह सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है।