जगत नारायण ने उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की गाजियाबाद में तेरह और वाराणसी में भी एक संपत्ति खरीदी थी। उसका पैसा जब्त कर लिया गया है। आवास विकास परिषद अब तक 1.28 करोड़ से अधिक की रिकवरी कर चुका है।
लखनऊ, आवास विकास परिषद की छवि धूमिल करने वाले जगत नारायण शुक्ला ने रायबरेली रोड स्थित वृंदावन योजना में पहले 12, फिर नौ, आम्रपाली योजना में चार और बाराबंकी में दो वाणिज्यिक संपत्तियों को बिना पैसा जमा कराए अपने पक्ष में आवंटन कराया। कुल 27 संपत्तियों में खेल करने वाले जगत नारायण शुक्ला की आवास विकास परिषद की कुंडली पूरे प्रदेश में खंगलवाई गई तो चाैंकाने वाली संपत्तियां सामने आई।
मेरठ जोन के अंतर्गत गाजियाबाद में जगत नारायण शुक्ला, उनकी पुत्रियों व रिश्तेदारों के नाम तेरह संपत्तियां निकली और वाराणासी में एक संपत्ती निकली। वाराणसी की संपत्ति में 55 लाख और गाजियाबाद की तेरह संपत्तियों के आवंटन में 73,82,766 रुपये जमा किए गए थे। परिषद ने रिकवरी के रूप में कुल राशि 1.28 करोड़ से अधिक जब्त कर ली है। क्योंकि जगत नारायण शुक्ला ने आवास विकास परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत से पांच करोड़ एक लाख रुपये फर्जी कागजात के सहारे रिफंड ले लिया था। अपर आवास आयुक्त उदय भान त्रिपाठी ने बताया कि बाकी पैसे की रिकवरी के लिए आरसी जिला प्रशासन के जरिए भेजी जाएगी।
उन्होंने बताया कि संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं हुई थी, इसलिए संपत्तियों पर अधिकार आवास विकास परिषद का है। वहीं जिन संपत्तियों का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ है, उसका निरस्तीकरण कराया जाएगा। त्रिपाठी ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि परिषद को पांच करोड़ एक लाख का नुकसान हुआ है, इसमें 1.28 करोड़ की रिकवरी भी हो चुकी है। वहीं आवास विकास परिषद विभिन्न संपत्ति प्रबंध कार्यालयों में जो रिफंड पिछले पंद्रह सालों में हुए हैं, उन रिफंड की जांच की जाएगी।
29 कर्मियों को विभाग ने भेजा आरोप पत्र : आवास विकास परिषद के अफसरों ने बताया कि दोषी अधिकारी व कर्मचारी को आरोप पत्र भेजे जा चुके हैं। पूरे खेल में जिन अफसरों व कर्मियों पर सवाल खड़े हुए हैं, उनमें उप आवास आयुक्त डा. अनिल कुमार, सहायक आवास आयुक्त हेमंत पाल सिंह, लेखाकार अहमद जमाल हनफी, प्रभारी संपत्ति प्रबंधक केडी शर्मा, कनिष्ठ सहायक वशिष्ठमणि त्रिपाठी, वरिष्ठ सहायक राम नरेश, प्रभारी संपत्ति प्रबंधक हरि मोहन, वरिष्ठ सहायक केएन शुक्ला, लेखाकार देवेश कुमार, कनिष्ठ लेखाधिकारी सुनील कुमार सरीन, प्रशासनिक अधिकारी इंद्रपाल, वरिष्ठ सहायक मोहम्मद मोबीन अहमद, सहायक लेखाधिकारी शिव स्वरूप निगम, प्रभारी संपत्ति प्रबंधक नृपेंद्र बहादुर सिंह, प्रभारी संपत्ति प्रबंधक डीके शुक्ला, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मिर्जा जावेद कदर, लेखाकार अशोक कुमार भाटिया, प्रदीप श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार अग्रवाल, डी शंकर, पीसी जोशी, शैलेंद्र सक्सेना, अशोक कुमार सक्सेना, मंगल प्रसाद, रामनरेश पाल, कन्हई प्रसाद, राजेश नारायण सक्सेना, वीके सिंह, राम नरेश यादव हैं। इनमें कई सेवानिवृत हो चुके हैं।
अब सौ फीसद पैसा जमा करने पर मिलेगा कब्जा, बन रही नई गाइडलाइन : अभी तक आवास विकास परिषद में पचास फीसद पैसा जमा करने पर कब्जा मिल जाता था, अब जल्द ही सौ फीसद पैसा जमा करने पर ही कब्जा मिलेगा। जल्द ही इसका सर्कुलर जारी होगा। वहीं डिमांड ड्राफ्ट की जगह आवास विकास परिषद संपत्तियों को बेचने में आरटीजीएस और एनइएफटी के जरिए ही भुगतान को अनुमन्य करेगी। इसके अलावा जो भी नीलामी होगी, उसे मैनुअली न करके अब ई नीलामी के जरिए वाणिज्यिक संपत्ति बेची जाएगी।