आरोपितों में लखनऊ के लोहिया अस्पताल का जेआर केजीएमयू के संविदाकर्मी और निजी अस्पतालों के कर्मचारी। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने गिरफ्तारी की टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
लखनऊ, वजीरगंज पुलिस ने बुधवार को ब्लैक फंगस और जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लोहिया अस्पताल के जूनियर डाक्टर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में जूनियर डाक्टर के अलावा केजीएमयू के दो संविदाकर्मी और तीन निजी अस्पतालों के कर्मचारी हैं। यह लोग लोहिया और केजीएमयू के स्टाक से इंजेक्शन निकालकर उसकी कालाबाजारी करते थे। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने गिरफ्तारी की टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
डीसीपी पश्चिम देवेश कुमार पांडेय के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में राम मनोहर लोहिया अस्पताल का जूनियर डाक्टर वामिक हुसैन निवासी आगरा बाह। वह यहां हरोदई रोड स्थित नारायण गार्डन में रहता था। केजीएमयू इमरजेंसी मेडिसिन में संविदाकर्मी मो. आरिफ वार्ड ब्वाय निवासी हरदोई टडियांवा हरैई हाल पतात भूवर फाटक के पास ठाकुरगंज, मो. इमरान निवासी ख्यालीगंज कैसरबाग, राजेश कुमार निवासी इटौंजा रायपुर राजा (सर्जिकल ग्रुप में सेल्समैन), मो. राबिक निवासी आजमगढ़ बैहरीडीह (मेडिकल फर्म की फ्रेंचाइजी के मालिक), बलवीर सिंह निवासी हंस विहार चिनहट मूल अयोध्या पुराबाजार जलालुद्दीन नगर (फार्मासिस्ट चिनहट हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर) है।
लोहिया और केजीएमयू से इंजेक्शन निकालकर करते थे कालाबाजारी
एडीसीपी पश्चिम राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह लोग केजीएमयू, लोहिया अस्पताल से ब्लैंक फंगस और रेमडेसिविर इंजेक्शन निकालते थे। इसके बाद निजी अस्पताल के कर्मियों की मदद से उनकी कालाबाजारी करते थें। ब्लैंक फंगस और रेमडेसिविर इंजेक्शन 20-25 हजार रुपये के दाम में बेचते थे। यहां का स्टाक मरीजों को
वाट्सएप काल पर गिरोह के लोग करते थे बात, पुलिस ने ग्राहक बनकर किया संपर्क
इंस्पेक्टर वजीरगंज धनंजय पांडेय ने बताया कि गिरोह के लोग वाट्सएप काल पर एक दूसरे से और ग्राहकों से बात करतेत थे। मुखबिर की सूचना पर गिरोह के सरगना आरिफ का नंबर मिला। उससे पुलिस कर्मियों ने ग्राहक बनकर बात की। जिसके बाद यह लोग फंसते चले गए। सर्विलांस की मदद से इनकी काल डिटेल्स खंगाली गई। इसके बाद कालाबाजारी करने वालों की कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। फिर कई पुलिस कर्मियों को इसमें लगाया गया। उन्हें इंजेक्शन की खरीदारी का झांसा देकर बुलाया गया। इसके बाद पकड़ लिया गया। गिरोह के पास से 28 लाइपोजोमल एम्फोटेरिनसिन-बी ब्लैंक फंगस के इंजेक्शन, 18 रेमडेसिविर, आठ मोबाइल, डाक्टर के पास से एक कार, दो बाइक और 16070 रुपये बरामद किए गए हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरोह के तार कई अन्य अस्पतालों से भी जुड़े हैं। कालाबाजारी से संबंधित गिरोह के अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।