पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत-पाक संबंधों के बीच रुकावट के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद हो गई है।
वाशिंगटन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमेशा की तरह एक बार फिर कश्मीर राग छेड़ा है। साथ ही कहा कि भारत-पाक संबंधों के बीच रुकावट के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा जिम्मेदार है। उन्होंने संघ पर नाजियों का समर्थक होने का भी आरोप लगाया है। इसी महीने आतंकवाद के वित्त पोषण को लेकर पाकिस्तान के उठाए कदमों की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की समीक्षा से पहले इमरान ने आतंकवाद के लिए अमेरिका को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है।
सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में एक हमला हुआ था। एक कश्मीरी युवक ने भारतीय सेना के काफिले पर धमाके के लिए खुद को बम से उड़ा लिया। इस (पुलवामा) हमले के लिए पाकिस्तान को दोष दिया गया। मैंने कहा था कि अगर आपके पास पाकिस्तान के शामिल होने का सुबूत है तो दीजिए, मैं कार्रवाई करूंगा लेकिन कोई सुबूत देने के बजाय उन्होंने हमारे ऊपर बमबारी की।
उन्होंने कहा कि मेरे भारत में मीडिया के लोगों से लेकर राजनेताओं तक कई मित्र हैं। पाक पीएम बोले, ‘मैं कहता हूं आप एक कदम हमारी तरफ बढ़ाइये, मैं दो कदम आपकी तरफ बढ़ाऊंगा। कश्मीर को लेकर कोई मुद्दा ही नहीं रहेगा और हम उसे अच्छे पड़ोसी की तरह वार्ता की मेज पर सुलझा लेंगे।’
इमरान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा कि आरएसएस की विचारधारा के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत की यह त्रासदी है कि वहां अब हर तरफ संघ की विचारधारा छा गई है। आप गूगल करके देख लो, आरएसएस का संस्थापक कौन था? जो विचारधारा अब भारत में राज करती है, वह किससे प्रेरित है? मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि वह नाजियों से प्रेरित हैं। आप चाहें तो इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
इमरान ने संघ के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा, ‘यह तीन बार याद रखिए कि संघ को एक आतंकी संगठन समझा जाता है, एक विचारधारा जिसके लिए महात्मा गांधी की हत्या की गई थी। इस विचारधारा के साथ किसी निष्कर्ष पर आना बहुत मुश्किल है।’ इमरान ने कहा, ‘हमने हर तरह से कोशिश कर ली लेकिन दुर्भाग्य से हम उस विचारधारा से कैसे निपटते जोकि नफरत, नस्ली श्रेष्ठता, मुसलमानों, अल्पसंख्यकों और ईसाइयों के प्रति नफरत से भरी है और पाकिस्तान को भी घृणा से देखती है।